गढ़वा : 45 आदिवासी परिवार 14 महीने से राशन से वंचित, CM ने लिया संज्ञान, बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा

गढ़वा जिले के बिजका गांव में 45 आदिवासी परिवारों को पिछले 14 महीनों से राशन नहीं मिला है। जानकारी के मुताबिक, पहले इन परिवारों को डीलर द्वारा कटौती कर अनाज दिया जाता था, लेकिन जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो डीलर ने पूरी तरह से राशन देना बंद कर दिया। इन परिवारों ने राज्य और जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
CM हेमंत सोरेन ने जताई नाराजगी, DC को दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर गढ़वा के जिलाधिकारी (DC) को टैग करते हुए कहा कि यह स्थिति असहनीय है। उन्होंने DC को तत्काल मामले का संज्ञान लेकर पीड़ित परिवारों को उनका हक दिलाने और दोषियों पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

.@dc_garhwa यह स्थिति बिल्कुल बर्दाश्त के काबिल नहीं है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 5, 2025
तत्काल मामले का संज्ञान लें एवं सभी परिवारों को उनका हक दिलाएं।
साथ ही इस स्थिति के लिए दोषी सभी व्यक्तियों पर न्यायोचित कार्रवाई कर सूचना दें। https://t.co/aiT17Vt9ym
बाबूलाल मरांडी का हमला – ‘सरकार 14 महीने बाद जागी’
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि CM अब 14 महीने बाद जागे हैं और केवल जांच का आदेश देकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में राशन वितरण में भारी लापरवाही है और यह कोई पहला या आखिरी मामला नहीं है।
गढ़वा के बिजका गांव के 45 आदिवासी परिवार पिछले 14 महीनों से भुखमरी के कगार पर हैं। इन्हें हक का अनाज कटौती कर दिया जाता था, लेकिन जब उन्होंने विरोध किया, तो पूरा राशन ही बंद कर दिया गया। शिकायतें प्रखंड, जिला, और राज्य स्तर तक पहुँचीं, लेकिन सरकार इतनी बहरी निकली कि उनकी पुकार बस… pic.twitter.com/EPlwNyPHwc
— Babulal Marandi (@yourBabulal) February 5, 2025
मरांडी ने यह भी दावा किया कि लाखों गरीब आदिवासी परिवारों का राशन अफसर और सत्ताधारी दल के नेता खा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि हर महीने सभी राशन कार्डधारकों को समय पर राशन मिले, इसकी सख्त निगरानी हो।