सीटों को लेकर महागठबंधन में महासंग्राम! हम धोखा नहीं खा सकते, झारखंड में भी करेंगे गठबंधन की समीक्षा- सुप्रियो भट्टाचार्य
Jharkhand Desk: बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. इसी बीच घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. साल 2000 में बिहार से झारखंड राज्य अलग हुआ था. अब साल 2025 है, जहां एक और सियासी अलगाव होने के संकेत मिल रहे हैं. सियासी जमीन पर एक बार फिर से बिहार से झारखंड अलग होने वाला है. बिहार चुनाव के बहाने ऐसी बातें प्रदेश में उठने लगी हैं.

एक बार फिर से सियासत के दौर में रास्ते अलग होते हुए नजर आने लगे हैं. बिहार से अलग हुआ झारखंड साल 2025 में अब एक बार फिर से महागठबंधन के दल से अलग होने के संकेत झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दिए हैं. नाराजगी का आलम ऐसा है कि झामुमो ने ये तक कह दिया है कि वो झारखंड में महागठबंधन की समीक्षा करेंगे.

रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बिहार चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से कई बातों को रखा. इसमें सबसे खास बात ये रही कि झामुमो के तेवर से लग रहा है कि आगामी दिनों में प्रदेश में गठबंधन को लेकर कोई बात निकलकर सामने आएगी.
झारखंड में महागठबंधन को लेकर बड़ी बात पार्टी की ओर से सामने आई. सुप्रियो भट्टाचार्य ने साफ कहा कि महागठबंधन में भी खींचतान है. बिहार में कई सीटें ऐसी हैं जहां एनडीए और महागठबंधन में अंदरूनी लड़ाई है. हमने बिहार के बड़े दल आरजेडी के साथ कांग्रेस आलाकमान और वामदल से बिहार में अपनी चिन्हित सीट के बारे में बात की पर अभी तक कोई तरजीह नहीं दी गयी.
महागठबंधन के इस खींतचान को लेकर सतह पर लाते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में हमने 2019 में राजद के 01 विधायक को 05 वर्ष तक मंत्री बनाये रखा. वर्तमान में भी एक मंत्री राजद कोटे से है. लेकिन अब हम लगातार धोखा नहीं खा सकते. गुरुजी ने हमें लड़ना सिखाया है. हम सबकुछ बर्दाश्त लेकिन आत्मसम्मान समझौता नहीं. इसलिए हम झारखंड में भी महागठबंधन की समीक्षा करेंगे.







