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झारखंड बना सियासत का पॉवर सेंटर, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति दोनों का नाता यहीं से

 
झारखंड बना सियासत का पॉवर सेंटर, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति दोनों का नाता यहीं से

Jharkhand: झारखंड इन दिनों देश की सियासत और संवैधानिक बहसों का नया केंद्र बना हुआ है। वजह है,एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के तौर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का नाम घोषित किया है। खास बात यह है कि राधाकृष्णन इससे पहले झारखंड के राज्यपाल भी रह चुके हैं।

अगर वे चुनाव जीत जाते हैं तो यह अपने आप में अनोखा संयोग होगा- देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, दोनों ही ऐसे नेता होंगे जिन्होंने कभी झारखंड राजभवन की जिम्मेदारी संभाली थी।

द्रौपदी मुर्मू का ऐतिहासिक कार्यकाल

वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 मई 2015 से 13 जुलाई 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहते हुए इतिहास रचा था।
    •    वे झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं।
    •    उनका कार्यकाल 6 साल से अधिक का रहा, जो अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।
    •    2022 में वे देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं।

राधाकृष्णन का सफर

दूसरी ओर, सी.पी. राधाकृष्णन ने 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक झारखंड राजभवन की जिम्मेदारी निभाई।
    •    फिलहाल वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
    •    अब एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है।

सोशल मीडिया पर चर्चा

सोशल मीडिया पर इसे “झारखंड का सौभाग्य” कहा जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, झारखंड राजभवन से सीधा टिकट राष्ट्रपति भवन और उपराष्ट्रपति भवन तक!

जीत लगभग तय मानी जा रही

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि एनडीए के पास राज्यसभा में पर्याप्त संख्या है, इसलिए राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। अगर ऐसा होता है तो यह सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड होगा।