Movie prime

झारखंड में हाड़ कंपाने वाली ठंड, 8 सालों में सबसे लंबी शीतलहर का अनुभव ले रहा झारखंड...

Ranchi: झारखंड में ऐसी कड़ाके की ठंड हर साल नहीं पड़ती, बल्कि यह कुछ सालों में एक बार आती है, जैसे 2018 में 8 साल बाद लंबी शीतल लहर देखी गई थी. हाल ही में, दिसंबर 2025 में भी ठंड बढ़ी है और कई जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जिससे शीतलहर जैसी स्थिति बनी है, और यह स्थिति कई सालों बाद के समान है, जिसमें न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है...
 
JHARKHAND DESK

Ranchi: झारखंड में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है. ठिठुरन से लोग परेशान है. अस्पताल में ठंड से प्रभावित मरीजों का तांता लगा हुआ है. ऊपर से कोहरे की वजह से गाड़ियों की रफ्तार पर असर पड़ा है. झारखंड में ऐसी कड़ाके की ठंड हर साल नहीं पड़ती, बल्कि यह कुछ सालों में एक बार आती है, जैसे 2018 में 8 साल बाद लंबी शीतल लहर देखी गई थी. हाल ही में, दिसंबर 2025 में भी ठंड बढ़ी है और कई जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जिससे शीतलहर जैसी स्थिति बनी है, और यह स्थिति कई सालों बाद के समान है, जिसमें न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है. 

  • 2018: 8 सालों में सबसे लंबी शीतलहर का अनुभव हुआ था.
  • दिसंबर 2025: रांची और अन्य जिलों में पहली बार पारा 10 डिग्री से नीचे, 9.4 डिग्री सेल्सियस तक गिरा, और गुमला जैसे जिलों में 3 डिग्री तक पहुंचा, जो कई सालों बाद देखी गई कड़ाके की ठंड जैसी स्थिति है.

झारखंड का ऐतिहासिक परिदृश्य

  • 70-80s का दौर: रांची को बेंगलुरु के साथ 'जुड़वां शहर' कहा जाता था क्योंकि यहाँ का मौसम बेहद सुहावना और ठंडा रहता था.
  • पहले की सर्दियाँ: पहले सर्दियाँ काफी कठोर होती थीं, और तापमान अक्सर काफी नीचे चला जाता था, जिससे लोग ऊनी कपड़े पहनते थे, जैसा कि 70 के दशक में होता था.
  • जलवायु परिवर्तन: 90 के दशक के बाद पेड़ों की कटाई और शहरीकरण के कारण मौसम में बदलाव आया, और अब गर्मी ज़्यादा और ठंड कम महसूस होती है, हालांकि हाल ही में ठंड की लहरें फिर से लौट रही हैं. 

झारखंड का वर्तमान स्थिति 

  • दिसंबर 2025 में, झारखंड में ठंड की लहर (cold wave) आई, कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे गिर गया.
  • गुमला में 2.8°C, खूंटी में 5.2°C, और रांची में 7°C तक तापमान दर्ज किया गया.
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई जिलों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया था. 

संक्षेप में, ऐसी भीषण ठंड हर साल नहीं आती, बल्कि यह हर कुछ सालों में आती है और 2025 में आई ठंड कई सालों बाद की स्थिति के बराबर है।