खेलों से चमक रही झारखंड की नई पहचान, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तहत खेलो झारखंड में अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवा रहे स्कूली बच्चे
Jharkhand Desk: झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (JEPC) ने ' खेलो झारखंड ' अभियान के तहत गुरुवार को राज्यस्तरीय वुशू, ताइक्वांडो और तैराकी प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया. इसका उद्घाटन समारोह ताना भगत इंडोर स्टेडियम में हुआ. इस मौके पर कई खास मेहमानों ने मिलकर दीप जलाकर इन खेलों की शुरुआत की. वुशू की प्रतियोगिताएं ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव इंडोर स्टेडियम में हो रही हैं. ताइक्वांडो के मुकाबले गणपत राय इंडोर स्टेडियम में खेले जा रहे हैं. वहीं, तैराकी प्रतियोगिताएं सिद्धू कान्हू स्विमिंग स्टेडियम में हो रही हैं.

राज्य के अलग-अलग जिलों से हजारों खिलाड़ी इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं. वे वुशू, ताइक्वांडो, तैराकी, योग, बॉक्सिंग, नेटबॉल, बास्केटबॉल, वेटलिफ्टिंग और मल्लखंब जैसे कई खेलों में अपना दम दिखा रहे हैं. मुख्य अतिथि मधुकांत पाठक, जो झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव हैं, उन्होंने खिलाड़ियों को खेल भावना बनाए रखने और खूब अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा, "एक अच्छे ओलंपियन बनने के लिए 10,000 घंटे का अभ्यास बहुत ज़रूरी है।" झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष शिवेंदु दुबे ने कहा, "शिक्षा विभाग राज्य में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. "

हॉकी में दिखा संघर्ष और टीम स्पिरिट
हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम और बरियातू के हॉकी मैदान में किया जा रहा है. मैदान में खिलाड़ियों का जोश देखते ही बन रहा है. बालक और बालिका दोनों वर्गों में मुकाबले खेले जा रहे हैं. जहां खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया. इन प्रतियोगिताओं को सफल बनाने में पूर्व ओलंपियन और हॉकी इंडिया की झारखंड एम्बेसडर सुमराय टेटे की भूमिका अहम रही. उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि झारखंड की मिट्टी में खेल की अद्भुत प्रतिभा है, जिसे पहचानने और निखारने की जरूरत है.
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तीरंदाजी में निशानेबाजी का हुनर
वहीं तीरंदाजी (आर्चरी) प्रतियोगिता का आयोजन रांची के शूटिंग रेंज होटवार में किया जा रहा है. यहां राज्यभर से आए प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने अपनी सटीक निशानेबाजी से सबको प्रभावित किया. प्रतियोगिता में बालक और बालिका दोनों वर्गों के मुकाबले चल रहे हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभागी विशेष रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
“प्रतियोगिताओं का उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के अवसर प्रदान करना है. इन खेलों से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और उनमें अनुशासन तथा टीम भावना का विकास होता है.”- धीर सेन सोरेंग, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिक्षा विभाग

खेलों के माध्यम से नई प्रतिभाओं की खोज
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अधिकारियों ने बताया कि खेलो झारखंड अभियान के अंतर्गत राज्यभर में अलग-अलग खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. इस पहल का उद्देश्य गांवों, प्रखंडों और जिलों में छिपी हुई खेल प्रतिभाओं को सामने लाना और उन्हें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है. रांची के विभिन्न स्टेडियमों में प्रतियोगिताएं निर्धारित तिथियों के अनुसार आयोजित की जा रही हैं. खिलाड़ियों के रहने और भोजन की व्यवस्था शिक्षा विभाग की ओर से की गई है. प्रतियोगिताओं के सफल संचालन में खेल प्रशिक्षकों, शिक्षकों और प्रशासनिक पदाधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही.
खेलों से चमक रही झारखंड की नई पहचान
इन प्रतियोगिताओं से न केवल विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित हो रही है, बल्कि राज्य में खेल संस्कृति को भी नई दिशा मिल रही है. ग्रामीण इलाकों से निकलकर आने वाले खिलाड़ी यह साबित कर रहे हैं कि अवसर मिलने पर वे किसी से कम नहीं हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार, आने वाले दिनों में एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल सहित अन्य खेलों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी.







