झारखंड में टल सकती है मैट्रिक-इंटर परीक्षा, जानें क्या है वजह

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद बीते 20 दिनों से रिक्त है, लेकिन अब तक नई नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस संकट के चलते 8वीं और 9वीं बोर्ड परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। अब आशंका जताई जा रही है कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
मैट्रिक-इंटर परीक्षा पर संकट क्यों?
मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं 11 फरवरी से शुरू होनी हैं, लेकिन अभी तक छात्रों को एडमिट कार्ड जारी नहीं किए जा सके हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि एडमिट कार्ड पर बोर्ड अध्यक्ष के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं, और फिलहाल यह पद रिक्त है। अगर सरकार एक-दो दिन में नियुक्ति कर भी देती है, तो हस्ताक्षर प्रक्रिया, अपलोडिंग, डाउनलोडिंग और वितरण में समय लग सकता है। अगर किसी एडमिट कार्ड में गलती पाई जाती है, तो उसे सुधारने का भी मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में परीक्षा के समय पर आयोजित होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

भाजपा ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जैक के रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति नहीं कर रही, बल्कि भीतरखाने पद की बोली लगवा रही है। बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "पहले तो सिर्फ बेरोजगार युवाओं को राजनीति का शिकार बनाया जाता था, लेकिन अब जैक अध्यक्ष पद के लिए बोली लगवाकर स्कूली बच्चों को भी राजनीति में घसीटा जा रहा है।"
बोर्ड की परीक्षाओं पर असर
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली रहने के कारण अब तक 8वीं और 9वीं की परीक्षाएं स्थगित हो चुकी हैं। 8वीं की परीक्षा 28 जनवरी और 9वीं की परीक्षा 29-30 जनवरी को होने वाली थी। 8वीं बोर्ड में 5,18,002 और 9वीं बोर्ड में 4,67,849 परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे।
अब 6 और परीक्षाओं पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं, जिनमें:
-11वीं बोर्ड परीक्षा (6-8 मार्च)
-आकांक्षा परीक्षा
-एनएमएमएस परीक्षा
-इंटर वोकेशनल परीक्षा
हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
इस नियुक्ति संकट को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। वित्त रहित संयुक्त संघर्ष मोर्चा के डॉ. देवनाथ सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने यह याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जैक के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही परीक्षा से जुड़े गोपनीय कार्यों की देखरेख करते हैं। ऐसे में अगर नियुक्ति जल्द नहीं हुई, तो 11 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा भी अधर में लटक सकती है।