झारखंड में जल्द होंगे निकाय चुनाव, राजनीतिक दलों ने कसी कमर
Jharkhand Desk: राज्य में नगर निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल जल्द तेज होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने एक मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है. इसकी मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिल चुकी है. झारखंड में नगर निकाय चुनाव की घोषणा जल्द होने की संभावना है. झारखंड हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद हेमंत सरकार ने नगर निकाय चुनाव को लेकर सकारात्मक रुख अपनाते हुए जल्द ही इसे कराने का निर्णय लिया है.
ऐसी संभावना है कि इस मामले में आगामी 10 नवंबर को होनेवाली सुनवाई से पूर्व सरकार कैबिनेट की मंजूरी लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को इसकी हरी झंडी दे देगी.
पिछले कैबिनेट की बैठक में हुए निर्णय के अनुसार जिला स्तर पर इन दिनों शहरी निकायों के वार्ड एवं पदों के आरक्षण के निर्धारण को अंतिम रुप दिया जा रहा है. जिला स्तर से आरक्षण का निर्धारण होने के पश्चात राज्य निर्वाचन को भेजा जाएगा.
बता दें कि राज्य में 48 शहरी निकाय क्षेत्र हैं जहां ओबीसी ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट के बाद पहली बार बीसी-1 और बीसी-2 के लिए सीटें निर्धारित होंगी. पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुशंसा पर शहरी निकाय क्षेत्र में अधिकतम आरक्षण 50% होगा जिसमें एससी, एसटी और बीसी-1, बीसी-2 के लिए सीटें निर्धारित होगी. मेयर,वार्ड पार्षद जैसे पदों का आरक्षण चक्रीय होगा. बता दें कि लगभग तीन वर्षों से निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से राज्य में शहरी निकाय का कामकाज अधिकारियों पर है.
शहरी निकाय चुनाव में ताकत झोंकने के लिए राजनीतिक दल तैयार
शहरी नगर निकाय क्षेत्र में होनेवाले चुनाव में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से राजनीतिक दलों ने ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है. बीजेपी नेता दीनदयाल वर्णवाल का मानना है कि पार्टी इस चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. हाईकोर्ट के फटकार के बाद सरकार इस चुनाव को मजबूर हुई है मगर इतने दिनों तक नगर निकाय जनप्रतिनिधि विहीन रहा जिससे हुए नुकसान के लिए जवाब देना होगा.
शहर की साफ सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइट और पानी जैसी बुनियादी सुविधा भगवान भरोसे है और जनता बेबस है कि इसके लिए जाए तो कहां जाएं. इधर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने शहर की सरकार को लेकल सरकार के सकारात्मक रुख का दावा करते हुए जल्द ही चुनाव होने का दावा किया है. पार्टी के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति और ओबीसी ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में शहरी क्षेत्र में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. राजनीतिक दल होने के नाते पार्टी ने भी पूरी तैयारी कर रखी है.
बहरहाल शहर की सरकार बनाने को लेकर सरकार पर लगातार दवाब बन रहा है. एक तरफ राज्य को शहरी निकाय चुनाव नहीं होने से केंद्रीय मद की राशि मिलने में बाधा आ रही है. वहीं दूसरी ओर न्यायालय से लेकर आम लोगों के द्वारा भारी दवाब है. ऐसे में देर से ही सही नगर विकास विभाग ने तमाम बाधाओं को दूर कर जल्द चुनाव कराने की तैयारी में जुटी है.







