Movie prime

राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे...भाजपा करेगी देशव्यापी भव्य उत्सव

Jharkhand Desk: इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा विधायक चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि 150 स्थानों पर कम से कम 150 लोग राष्ट्रीय गीत गाकर इसका शुभारंभ करेंगे. इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित की जाएगी. भाजपा महानगर के द्वारा राजधानी रांची के ओटीसी ग्राउंड सहित कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित की जाएगी.
 
VANDE MATRAM

Jharkhand Desk: भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर पूरे देश में भव्य कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू करने जा रही है. पार्टी इस अवसर को राष्ट्रभक्ति, आत्मगौरव और एकता के उत्सव के रूप में मानाने की तैयारी में जुटी है. राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी देशभर में 150 स्थानों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. 1 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है. इसके तहत झारखंड में भी बीजेपी प्रदेश से लेकर जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है.

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रांची में  होंगे कई कार्यक्रम, तैयारी में जुटी भाजपा

रांची में कई स्थानों पर कार्यक्रम

इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा विधायक चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि 150 स्थानों पर कम से कम 150 लोग राष्ट्रीय गीत गाकर इसका शुभारंभ करेंगे. इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित की जाएगी. भाजपा महानगर के द्वारा राजधानी रांची के ओटीसी ग्राउंड सहित कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित की जाएगी.

रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि वंदे मातरम राष्ट्रीय अस्मिता से जुड़ा हुआ है, जो राष्ट्र प्रथम का संदेश देता है. मगर समय-समय पर कांग्रेस ने तुष्टिकरण के कारण इसमें भी छेड़छाड़ करने का प्रयास किया है, जो बेहद ही दुखद है.

Bankim Chandra Chatterjee Birth Anniversary 2023

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी रचना

वंदे मातरम गीत की रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में की थी. इस गीत को 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार गाया था. उस समय यह गीत केवल स्वर नहीं था, बल्कि यह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक आवाज थी. 1905 के बंग आंदोलन से लेकर स्वतंत्रता संग्राम के प्रत्येक चरण में वंदे मातरम ने भारतवासियों के हृदय में जोश और एकता का संचार किया था.

लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान क्रांतिकारियों ने इस गीत को अपनी प्रेरणा का मंत्र बनाया. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 1950 में वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया. यह गीत भारत की आत्मा है और हमारी मातृभूमि की वंदना है.