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सियासी टकराव के बीच JMM नेता के "धूर्त" वाले तीखे बयान पर RJD नेता ने कहा, "अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण" है

Jharkhand Desk: राजद की ओर से कैलाश यादव ने स्थिति को संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजद के दिल में सम्मानित स्थान रखते हैं, और सीट बंटवारे में झामुमो को जगह न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है, लेकिन इससे उत्पन्न आक्रोश को अपशब्दों के माध्यम से व्यक्त करना उचित नहीं.
 
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Jharkhand Desk: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच दरार खुलकर सामने आ गई है. इस सियासी टकराव के केंद्र में हैं झारखंड सरकार के मंत्री एवं झामुमो नेता सुदिव्य सोनू, जिनके बयान पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव ने सोमवार को झामुमो मंत्री द्वारा राजद नेताओं को "धूर्त" कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है.

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उन्होंने इस टिप्पणी को "अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण" करार देते हुए कहा कि राजनीति में इस प्रकार की भाषा के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि "एहसान" जैसे शब्दों का प्रयोग सार्वजनिक जीवन और गठबंधन की राजनीति में अनुचित है.

कैलाश यादव ने आगे कहा, "राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव देश के सबसे बड़े सेक्युलर और सामाजिक न्याय के प्रणेता हैं. ऐसे में उनकी पार्टी के नेताओं के लिए इस प्रकार की भाषा प्रयोग करना निंदनीय है." उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजद बिहार में सबसे बड़ी और ताकतवर पार्टी है, और INDIA गठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव इसके प्रमुख नेता हैं. यादव के अनुसार, बिहार चुनाव में मुख्य मुकाबला राजद गठबंधन और एनडीए के बीच है, और इस बार परिवर्तन तय है.

इस बीच, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार चुनाव से खुद को पूरी तरह अलग करने का ऐलान कर दिया है. झारखंड के मंत्री सुदिव्य सोनू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी पार्टी न तो बिहार चुनाव लड़ेगी और न ही किसी भी दल के पक्ष में प्रचार करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो को गठबंधन धर्म निभाने के बावजूद बिहार में सीट बंटवारे को लेकर राजनीतिक ‘धुर्तता’ और ‘छल’ का शिकार बनाया गया.

सुदिव्य सोनू ने राजद और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "झामुमो ने झारखंड में बड़े भाई की भूमिका निभाई, सीटें छोड़ीं, यहां तक कि राजद को मंत्री पद भी दिया, लेकिन बदले में बिहार में अपमान मिला." उन्होंने INDIA गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने न तो मध्यस्थता की और न ही स्थिति को स्पष्ट किया.

उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय झारखंड की राजनीति पर असर डालेगा और पार्टी जल्द ही गठबंधन की समीक्षा करेगी. सुदिव्य सोनू ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब झामुमो ने पहले छह विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख तक कोई फॉर्म न भरने का फैसला कर लिया. झामुमो का यह कदम बिहार में महागठबंधन की एकता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. वहीं, राजद की ओर से कैलाश यादव ने स्थिति को संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजद के दिल में सम्मानित स्थान रखते हैं, और सीट बंटवारे में झामुमो को जगह न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है, लेकिन इससे उत्पन्न आक्रोश को अपशब्दों के माध्यम से व्यक्त करना उचित नहीं.