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चक्रवाती तूफान मोंथा के चलते धान की फसल बर्बाद, किसानों को सरकार से मिलेगा मुआवजा?

Jharkhand Desk: चक्रवाती तूफान मोंथा किसानों पर कहर बनकर टूटा है. जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. आफत की बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. कुछ दिन पहले तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने लगभग आठ हजार हेक्टेयर में लगी धान के साथ अन्य फसलों को बर्बाद कर दिया है.
 
JHARKHAND NEWS

Jharkhand Desk: चक्रवाती तूफान मोंथा किसानों पर कहर बनकर टूटा है. जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. आफत की बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. कुछ दिन पहले तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने लगभग आठ हजार हेक्टेयर में लगी धान के साथ अन्य फसलों को बर्बाद कर दिया है. खेतों में धान की लहलहाती हुई फसल बारिश के पानी मे डूब गई. चक्रवाती तूफान मोंथा की वजह से हजारों किसानों की कमर टूट गई है. जिन्होने बेहतर आमदनी की उम्मीद लगाई थी वे अब दर-दर भटकने को मजबूर है. बीते दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से पाकुड़ जिले के 6 प्रखंडों में धान की फसल बर्बाद हो गई.

सैकड़ों किसान बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त धान की बालिया को किसी तरह सुरक्षित बचाने में जुटे है ताकि कुछ न कुछ धान वे अपने लिए बचा सके और उनका गुजर बसर किसी तरह से हो सके. बारिश के कारण धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

PADDY CROPS DESTROYED

इधर, वास्तविक आकलन के साथ प्रभावित किसानों को फसल बीमा योजना के अलावा मुआवजा राशि से लाभांवित करने की दिशा में जिला प्रशासन जुट गया है. इसे लेकर डीसी मनीष कुमार ने जिला कृषि पदाधिकारी को बेमौसम बारिश एवं तूूफानी चक्रवात की चपेट में आई धान की फसल को पहुंचे नुकसान से संबंधित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए रिपोर्ट समय पर समर्पित करने के निर्देश दिये हैं, ताकि सरकार को धान की फसलों के हुए नुकसान से अवगत कराया जा सके.

PADDY CROPS DESTROYED IN PAKUR

मोंथा ने किसानों के सपनों को किया चकनाचूर

पीड़ित किसानों ने बताया कि इस बार बहुत उम्मीद थी कि अच्छी फसल होगी लेकिन बारिश ने हमारे सपने को चकनाचूर कर दिया है. किसानों का कहना है कि बारिश आधारित एकमात्र धान की फसल ही हमारे जीने का सबसे बड़ा आधार है लेकिन मोंथा तूफान के कहर ने हमसे वह भी छिन लिया. किसानों ने सरकार से फसलों के हुए नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द करने के लिए मुआवजा मुहैया कराने की गुहार लगाई है ताकि जो भी सरकारी मदद मिलेगी उससे दूसरे फसलो को उपजाने में लगाया जा सके और जीवन गुजर बसर हो सके.

इस साल जिले के 6 प्रखंडों में 45 हजार एकड़ भूमि में धान की फसल लगाई गई थी. बारिश और आंधी की वजह से फसल को भारी नुकसान होने की सूचना मिली है. कर्मियों व अधिकारियों को सर्वे का निर्देश दिया गया है. जिन किसानों का फसल बीमा है, वे टोल फ्री नंबर से या एप्लीकेशन से सूचना दे सकते हैं. यदि किसान विभाग को सूचना दें तो विभाग के स्तर से उन्हें बीमा का लाभ दिलाया जाएगा. साथ ही जिन किसानों का बीमा नहीं है, वैसे किसानो की सूची बनाई जाएगी और विभाग से पत्राचार किया जाएगा: मृत्युंजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी