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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऐसा कुछ कहा कि तालियों से गूंज उठा हॉल, जानिए! क्या कहा मुर्मू ने...

Jamshedpur: राष्ट्रपति ने कहा कि सस्टेबेनल एनर्जी डेवलपमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए इंजीनियर्स टेक्नोलॉजी का विकास तो कर सकते हैं. लेकिन इस टेक्नोलॉजी को आर्थिक और सामाजिक रुप से व्यवहारिक बनाने में अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों की अहम भूमिका होती है...
 
Draupadi Murmu
Jamshedpur: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत कर वहां के छात्रों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का बोध कराते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की. मेडल पाने वाले छात्रों के सम्मान में तालियां नहीं बजने पर उन्होंने ऐसी बात कही, जिसे सुनते ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों से कहा कि साल भर के संघर्ष, परिश्रम और अनिद्रा के बाद दो बच्चों को गोल्ड मेडल मिला लेकिन ताली नहीं बजी. मुझे लगा कि शायद बच्चों को मना किया गया, हो सकता है बच्चे थक गये हैं. कहते हैं देना है तो लेना है. आपने ताली नहीं बजाई फिर आपके टाइम पर कौन ताली बजाएगा. आज खुशी का माहौल होना चाहिए. यहां तो मातम सा हो गया. बालिकाओं ने भी ताली नहीं बजायी. राष्ट्रपति ने यह कहकर छात्रों को उत्साह से भर दिया. पूरा हॉल तालियों की आवाज से गूंज उठा.
राष्ट्रपति ने इनोवेशन और स्टार्ट अप संस्कृति को बढ़ावा देने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में तेजी से तकनीकी बदलाव हो रहा है. ऐसा बदलाव शायद ही किसी कालखंड में हुआ है. इससे नये नये अवसर पैदा हो रहे हैं. साथ ही चुनौतियां भी सामने आई हैं. आधुनिक तकनीकी का दुरुपयोग कर साइबर अपराध बढ़ रहा है. साथ ही ई-वेस्ट से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. आपसे अपेक्षा की जा रही है कि आधुनिक तकनीक से पड़ने वाले कुप्रभावों के नियंत्रण और समाधान में भागीदारी करेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि सस्टेबेनल एनर्जी डेवलपमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए इंजीनियर्स टेक्नोलॉजी का विकास तो कर सकते हैं. लेकिन इस टेक्नोलॉजी को आर्थिक और सामाजिक रुप से व्यवहारिक बनाने में अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों की अहम भूमिका होती है.
राष्ट्रपति ने कहा कि साल 2047 तक किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान की प्रतिष्ठा केवल रैंकिंग या प्लेसमेंट से नहीं होनी चाहिए. यह भी देखना चाहिए कि वहां के विद्यार्थी समाज और राष्ट्र के किस तरह योगदान दे रहे हैं. वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी प्राप्ति में रिसर्च, इनोशन और स्टाटर्स कल्चर को बढ़ावा देना जरुरी है.
विकसित भारत का सपना केवल ऊंची इमारतों या शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के रुप में पूरा नहीं होगा बल्कि एक ऐसे समाज के निर्माण से होगा, जिसमें अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के पास भी अवसर की समानता और गरिमापूर्ण जीवन जीने की सुविधा हो. बिना करुणा के किया गया अविष्कार केवल एक मशीन विकसित कर सकता है. लेकिन करुणा से प्रेरित होगा तो समाज के लिए वरदान साबित होगा. सफलता को बड़े पैकेज या ऊंचे पद से ना मापें बल्कि इस आधार पर उसका आंकलन करें कि आपके ज्ञान और कार्य से कितने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है.
इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोविंद देव गिरि महाराज, ट्रेजरर, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि जबकि डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी की डिग्री से आर.के.बेहरा को नवाजा. साथ ही संस्थान में गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए प्रियांशु राज और कृष्णाशीष मंडल को डिग्री देकर सम्मानित किया.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उपाधि हासिल करने वाले छात्रों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि समाज और राष्ट्र और मानवता के प्रति आपकी जिम्मेदारियों की नई शुरुआत है. उन्होंने जमशेदजी टाटा की दूरदर्शिता का उल्लेख किया. उन्होंने दिवंगत रतन टाटा के योगदान को याद किया.
राज्यपाल ने कहा कि एनआईटी, जमशेदपुर ने वर्षों से देश को अभियंता और तकनीकी विशेषज्ञ प्रदान किए हैं. जिन्होंने भारत की औद्योगिक आधारभूत संरचना और वैज्ञानिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. एनआईटी जमशेदपुर से अपेक्षा है कि ना केवल कुशल अभियंता तैयार करें बल्कि राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी नागरिक भी गढ़ें. छात्रों से समाज की समस्याओं के समाधान की अपील की.
मंत्री दीपक बिरुआ ने एनआईटी के 15वें दीक्षांत समारोह में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों मे राष्ट्र निर्माण में आपकी अहम भूमिका होगी. उन्होंने छात्रों के सुनहरे भविष्य की कामना की. कार्यक्रम में सांसद, विधायक, एनआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के अध्यक्ष सुनील अलख, एनआईटी के डायरेक्टर गौतम सूत्रधार, राज्य सरकार के मंत्री दीपक बिरुआ समेत कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.