महापर्व छठ को लेकर कृषि बाजार फल मंडी में फलों से गुलज़ार हुआ बाज़ार, दूसरे राज्यों से भी बेच रहे करोबारी
Chhath Puja Special 2025: सनातन परंपरा के सबसे कठिन व्रतों में माना जाने वाला छठ महापर्व की आज नहाय-खाय से शुरुआत होने जा रही है. चार दिवसीय छठ महापर्व का पहला दिन इस व्रत के संकल्प और भगवान सूर्य के साथ छठी मैया के आह्वान का होता है. आज नहाय खाय के दिन जितने भी व्रती लोग हैं, वे किसी जल तीर्थ यानि नदी, तालाब या फिर घर में ही स्नान करके सबसे पहले अपने तन और मन को पवित्र करते हैं. जो लोग किसी नदी तीर्थ पर नहीं जा पाते हैं वे अपने घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करते हैं. छठ पर्व में फलों का विशेष महत्व होता है और पूजा में इनकी आवश्यकता होती है. धनबाद के बरवाअड्डा कृषि बाजार समिति को फलों से सजा दिया गया है. पूरा बाजार समिति विभिन्न प्रकार के फलों से पट गया है. हजारों की संख्या में केले के डंठल, कश्मीरी, अमेरिकी सेब, कीवी, संतरा, गन्ना, नारियल समेत अन्य फल आ चुके हैं.
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झारखंड के विभिन्न जिलों के साथ-साथ बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से भी थोक विक्रेता बाजार समिति पहुंच रहे हैं. बाजार समिति में फलों के थोक विक्रेताओं की भीड़ लगी हुई है. पिछले साल की तुलना में इस साल फलों की कीमतें अधिक हैं. फलों की कीमतों में वृद्धि के बावजूद मांग में कोई कमी नहीं आई है. थोक विक्रेता छोटे-बड़े वाहनों से आ रहे हैं और खरीदारी के बाद फल लेकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो रहे हैं.

बाजार समिति के एक फल विक्रेता ने बताया कि छठ पूजा के लिए सभी प्रकार के फल आ गए हैं. झारखंड, बंगाल, बिहार और ओडिशा से थोक फल विक्रेता आ चुके हैं. मद्रास और बंगाल से केले आ चुके हैं. कश्मीरी और अमेरिकी सेब भी आ चुके हैं. सेब की कई किस्में हैं. सेब की पेटियों की कीमत 800 से 1600 रुपये के बीच है. केले 300 से 1000 रुपये तक हैं. पिछले साल की तुलना में कीमतों में मामूली वृद्धि है. फलों की मांग पिछले साल जितनी ही है.

बिहार के जमुई से आए एक व्यक्ति ने बताया कि वह बाजार समिति से डेढ़ लाख रुपये के फल ले जा रहे हैं. गाड़ी का किराया जोड़ने के बाद, मूल खरीद मूल्य पर ही व्रतियों को सेवा भावना से फल वितरित किए जाते हैं. समिति हर साल छठ पूजा के दौरान ऐसा करती है. गिरिडीह के एक थोक फल विक्रेता ने बताया कि पिछले साल की तुलना में फलों की कीमतों में 10 से 15% की वृद्धि है. मांग बहुत है.







