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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगदा आश्रम में विशेष ध्यान सत्र का आयोजन

11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) के रांची आश्रम में 'क्रियायोग ध्यान: एक परिचय' विषय पर एक विशेष निर्देशित ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का संचालन वाईएसएस के वरिष्ठ संन्यासी स्वामी चैतन्यानन्द गिरि द्वारा किया गया।
यह आयोजन उस गहन परंपरा का हिस्सा था, जिसे वाईएसएस के संस्थापक श्री श्री परमहंस योगानन्द ने स्थापित किया था — वही परमहंस योगानन्द जिन्होंने 'योगी कथामृत' जैसी आध्यात्मिक कृति से पूरी दुनिया को योग और ध्यान की शक्ति से परिचित कराया।
सैकड़ों श्रद्धालुओं और साधकों ने इस सत्र में भाग लिया और 'क्रियायोग' की विधियों को गहराई से जाना। स्वामी चैतन्यानन्द ने अपने संबोधन में बताया कि क्रियायोग केवल ध्यान की तकनीक नहीं है, बल्कि यह मन, श्वास और आत्मा को एक गहरे आध्यात्मिक स्तर पर ले जाने वाली एक वैज्ञानिक साधना पद्धति है।
उन्होंने बताया कि योगानन्दजी के अनुसार, “क्रियायोग ईश्वर-साक्षात्कार की दिशा में सबसे तेज़ और सीधा मार्ग है।” क्रियायोग न केवल आंतरिक शांति देता है, बल्कि यह साधक के भीतर दिव्यता का अनुभव भी कराता है। स्वामीजी ने यह भी साझा किया कि योगानन्दजी ने कहा था — “क्रिया का आधा मिनट एक वर्ष के प्राकृतिक आध्यात्मिक विकास के बराबर होता है।”
हालांकि क्रियायोग कोई भी सीख सकता है, परन्तु इसे गुरु के मार्गदर्शन में ही सीखना चाहिए। योगानन्दजी ने इसी उद्देश्य से ‘योगदा सत्संग पाठमाला’ नामक एक गृह अध्ययन पाठ्यक्रम की रचना की है, जो क्रियायोग दीक्षा की तैयारी के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
सत्र के अंत में एक निर्देशित ध्यान भी आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित साधकों ने शांत वातावरण में एकाग्रता और अंतर्मुखता का अनुभव किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वाईएसएस के यूट्यूब चैनल पर भी किया गया, जिसे देशभर के विभिन्न केंद्रों, आश्रमों और मंडलियों से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देखा।
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