सुप्रियो भट्टाचार्या ने किसे लेकर कहा- भाजपा रूपी सर्कस पार्टी के पिंजरे में बंद शेर की तरह हो गए हैं...टिकट खरीदकर देखने वाले टाइगर हैं.
Jharkhand Desk: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव एक बार फिर सियासी अटकलों का अखाड़ा बन गया है. पूर्वी सिंहभूम जिले की इस एसटी आरक्षित सीट पर 11 नवंबर को होने वाले मतदान ने न केवल स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है, बल्कि राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की प्रतिष्ठा का भी सवाल है. हर बार की तरह जैसे-जैसे घाटशिला विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे न सिर्फ झारखंड मुक्ति मोर्चा की चुनावी गतिविधियां तेज होने लगी है. बल्कि बयानों के तीर भी ज्यादा तीखे हो गए हैं. 01 नवंबर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के ज्यादातर नेता घाटशिला में रहकर अपने प्रत्याशी सौमेश सोरेन को जीत दिलाने में जुट जाएंगे.

'भाजपा के पिंजरे में बंद शेर हैं चंपाई सोरेन'
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अपनी भागीदारी निभाने जाने से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा- हर चुनाव में हमारी तैयारी एक ही तरह को होती है, हमारे नेता और कार्यकर्ता, हमेशा जनता के बीच ही होते हैं. आगे सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा भाजपा विधायक चंपाई सोरेन को कोल्हान टाइगर की उपाधि पर तंज कसते हुए कहा कि वो भाजपा रूपी सर्कस पार्टी के पिंजरे में बंद शेर की तरह हो गए हैं. अब चंपाई सोरेन टिकट खरीदकर देखने वाले टाइगर बनकर रह गए हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले दिनों चंपाई सोरेन के आह्वान पर कोल्हान बंद को वहां की जनता ने ही नकार दिया. इससे साफ है कि झामुमो प्रत्याशी के रूप में सौमेश सोरेन इस बार 50 हजार वोटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे.

"04 नवंबर से पार्टी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की होगी चुनावी सभाएं'
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में भाजपा कहीं रेस में ही नहीं है. क्योंकि इस बार घाटशिला की महान और प्रबुद्ध जनता को यह मौका मिला है कि उनको दिशोम गुरु शिबू सोरेन और रामदास सोरेन दोनों को श्रद्धांजलि देना है. झामुमो नेता ने कहा कि 2024 विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार जीत झामुमो की होगी चाहे भाजपा का कोई नेता कितना भी तड़क भड़क कर ले.
बता दें कि भाजपा प्रत्याशी और अपने पुत्र बाबूलाल सोरेन को उपचुनाव में जीत दिलाने के लिए चंपाई सोरेन खासा मेहनत कर रहे हैं. यही वजह है कि झामुमो के निशाने पर घाटशिला विधानसभा उपचुनाव का भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन कम और उनके पिता चंपाई सोरेन अधिक हैं.







