एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया झारखंड के तीन युवकों का पार्थिव शरीर, शव एयरपोर्ट पहुंचते ही कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े
Ranchi: गोवा के नाइट क्लब में गैस सिलेंडर फटने से लगी भीषण आग में झारखंड के तीन युवकों की मौत ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है. हादसा बुधवार देर रात हुआ, जिसमें लगभग 25 लोगों की जान चली गई. गुरुवार दोपहर झारखंड के तीनों मृतकों के पार्थिव शरीर एयरलिफ्ट कर रांची लाए गए. जैसे ही शव एयरपोर्ट पहुंचे, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. पूरे एयरपोर्ट परिसर में मातम छा गया और कई लोग वहीं बेहोश होकर गिर पड़े.

मृतकों में रांची जिला के लापुंग प्रखंड स्थित फतेहपुर गांव के दो सगे भाई—प्रदीप महतो (24) और विनोद महतो (22) शामिल हैं. दोनों धनेश्वर महतो के बेटे थे. तीसरे मृतक मोहित मुंडा (22), खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के गोविंदपुर गांव के रहने वाले थे. तीनों गोवा के एक रेस्टोरेंट में शेफ और कुकिंग स्टाफ के रूप में काम कर रहे थे. परिजनों के अनुसार, तीनों कुछ महीने पहले ही रोजगार के लिए गोवा गए थे और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देख रहे थे.
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रांची एयरपोर्ट पर परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिचित भी पहुंचे. इसी दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता बंधु तिर्की भी एयरपोर्ट पहुंचे और परिजनों से मिलकर सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि यह घटना केवल तीन परिवारों का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड का दुख है. बंधु तिर्की ने सरकार से मांग की कि मृतकों के परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए और घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए.

प्रदीप और विनोद के चाचा नारायण महतो ने रोते हुए बताया, “मेरे दोनों भतीजे एक साथ चले गए. वे परिवार को संभालने के लिए बाहर गए थे, लेकिन आज उनका शव घर आ रहा है. हमें सुबह हादसे की जानकारी मिली. गांव में भी हर कोई सदमे में है.” इसी तरह मोहित मुंडा के परिजन भी एयरपोर्ट पर बेसुध रोते दिखे.
गोवा पुलिस के अनुसार, आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी में फायर सेफ्टी नियमों की गंभीर अनदेखी की बात सामने आ रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि नाइट क्लब में आपातकालीन निकास पर्याप्त नहीं थे और आग फैलने के बाद लोग बाहर नहीं निकल पाए. गोवा के मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी इस हादसे पर गहरा दुख जताया है.
रांची एयरपोर्ट से तीनों पार्थिव शरीर एंबुलेंस से उनके गांव भेज दिए गए, जहां हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. फतेहपुर और गोविंदपुर गांवों में मातम पसरा है और परिवारों में कोहराम मचा हुआ है. यह घटना तीन युवा सपनों को निगल गई और पूरे झारखंड में शोक की लहर है.







