41वें दिन तोड़ा गया SKM यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन में जड़ा ताला, ये है वजह
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन में कर्मचारियों द्वारा की गई तालाबंदी आखिरकार विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर अनुमंडल पदाधिकारी और दंडाधिकारी की मौजूदगी में तोड़ दी गई। 29 नवंबर 2024 को कर्मचारियों ने सातवें वेतनमान की मांग को लेकर मुख्य गेट पर ताला जड़ा था।
हालांकि, ताला तोड़ने की कार्रवाई के दौरान कोई भी कर्मचारी सामने नहीं आया। लेकिन, स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासनिक भवन का ताला टूटने के बाद उम्मीद है कि विश्वविद्यालय का कामकाज अब कैंपस से सुचारू रूप से हो सकेगा, भले ही कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहे।
कुलपति बोले- आंदोलन के बावजूद कामकाज जरूरी
शुक्रवार देर शाम कुलपति डॉ. बिमल प्रसाद सिंह जिला प्रशासन द्वारा तैनात दंडाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय पहुंचे। प्रशासनिक भवन पर लगे ताले को तोड़ने की कार्रवाई पूरी की गई। कुलपति ने बताया कि नॉन-टीचिंग स्टाफ 26 नवंबर से हड़ताल पर हैं और 29 नवंबर को उन्होंने मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया था।
कुलपति ने कहा, "हमें विवि के कामकाज को अपने आवासीय कार्यालय से संचालित करना पड़ रहा था, लेकिन इसमें काफी दिक्कतें आ रही थीं। कर्मचारियों की मांगों को लेकर हमने राज्य सरकार और राजभवन से संवाद किया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला।"
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राजभवन और राज्य सरकार ने उन्हें निर्देश दिया कि आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके बाद एसडीएम को पत्र लिखकर ताला तोड़ने का अनुरोध किया गया, और दंडाधिकारी की नियुक्ति के बाद कार्रवाई की गई।
कर्मचारी नेता का बयान- हड़ताल नहीं रुकेगी
इस घटना पर विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष परिमल कुंदन ने कहा, "ताला टूट गया है, लेकिन हमारा आंदोलन नहीं। यह हमें दबाने का प्रयास है। जब तक सातवां वेतनमान नहीं मिलता, हमारी हड़ताल जारी रहेगी।" उन्होंने कहा कि ताला तोड़ने जैसी कार्रवाई से आंदोलन कमजोर नहीं होगा। कर्मचारी अपनी मांगें पूरी होने तक डटे रहेंगे।
सख्त रुख अपनाने की तैयारी में प्रशासन
कुलपति ने स्पष्ट किया कि यदि फिर से विश्वविद्यालय के कामकाज में बाधा डाली गई, तो प्रशासन वैधानिक कार्रवाई के तहत कदम उठाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने संकेत दिया है कि आंदोलन लंबा खिंचने की स्थिति में सरकार और प्रशासन के सहयोग से सख्त कदम उठाए जाएंगे।