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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज दूसरा अनुपूरक बजट होगा पेश, 8 दिसंबर का दिन अनुपूरक बजट और प्रश्नकाल की वजह से राजनीतिक रूप से माना जा रहा खास...

Jharkhand Desk: आज सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी, जिसके बाद द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण सभा पटल पर रखा जाएगा. अनुपूरक बजट पर सामान्य चर्चा और मतदान का मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर के लिए निर्धारित है...
 
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Jharkhand Desk: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी, जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर ली है. यह सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चल रहा है और 8 दिसंबर का दिन अनुपूरक बजट और प्रश्नकाल की वजह से राजनीतिक रूप से खास माना जा रहा है. आज बजट पर चर्चा नहीं होनी है, इसलिए पहली पाली में ही कार्यवाही समाप्त होने की पूरी संभावना है.

द्वितीय अनुपूरक बजट का आकार करीब 8 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना जताई जा रही है, जिसके जरिए सरकार विकास योजनाओं, कल्याणकारी कार्यक्रमों और प्रशासनिक व्यय के लिए अतिरिक्त प्रावधान करेगी.

माना जा रहा है कि इसमें ग्रामीण अवसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सामाजिक सुरक्षा और महिला-केंद्रित योजनाओं, खासकर ‘मईयां सम्मान योजना’ जैसे कार्यक्रमों के लिए उल्लेखनीय राशि जोड़ी जा सकती है. वित्त मंत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति स्थिर है और अनुपूरक बजट के माध्यम से चल रही योजनाओं को गति देने की कोशिश होगी.

आज सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी, जिसके बाद द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण सभा पटल पर रखा जाएगा. अनुपूरक बजट पर सामान्य चर्चा और मतदान का मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर के लिए निर्धारित है. हालांकि आज की कार्यवाही के दौरान भी सदस्य बजट से जुड़े शुरुआती राजनीतिक संकेत देने की कोशिश करेंगे.
विपक्ष पहले से तैयार अपने ‘चार्जशीट’ और मुद्दों की सूची के आधार पर अवैध कोयला खनन, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मसलों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है. साथ ही अनुपूरक बजट के आकार और प्राथमिकताओं पर भी सवाल उठ सकता है.
वैसे एनडीए विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में छात्रवृत्ति नहीं देने, परीक्षा शुल्क में इजाफा और धान खरीद नहीं होने के मसले को प्रमुखता से उठाने पर सहमति बनी है.
दूसरी ओर, सत्ता पक्ष बजट को जनकल्याण और विकासोन्मुखी बताते हुए विपक्ष के हमलों को डेटा और योजनाओं की उपलब्धियों के आधार पर जवाब देने की तैयारी कर चुका है. जबकि विधानसभा अध्यक्ष सभी दलों से सत्र को सुचारू ढंग से चलाने और जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस की अपील कर चुके हैं.