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गरीबी पर भारी सिस्टम की सुस्ती, टूटे-फूटे घरों में जीने को मजबूर...आदिवासी परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित

Jharkhand Desk: कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. यह समाज अधिकतर पहाड़ों पर बसे होने के कारण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन, स्वास्थ्य और पोषण की कमी, शिक्षा की अभाव, उच्च मृत्यु दर आदि से जूझ रहा है। इनके जीवन का मुख्य आधार झूम खेती और वन उत्पादों का संग्रह है.
 
PM AWAS YOJANA

Jharkhand Desk: पाकुड़ जिले के आदिवासी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का लाभ कुछ ही परिवारों तक पहुंच पाया है, जबकि कई परिवार आज भी टूटा-फूटा मिट्टी के घरों में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। पाकुड़ जिले के हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया और आमड़ापाड़ा प्रखंडों में पहाड़िया आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। इस समाज के लोग, जो मुख्य रूप से माल पहाड़िया और सौरिया पहाड़िया के रूप में पहचाने जाते हैं, कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. यह समाज अधिकतर पहाड़ों पर बसे होने के कारण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन, स्वास्थ्य और पोषण की कमी, शिक्षा की अभाव, उच्च मृत्यु दर आदि से जूझ रहा है। इनके जीवन का मुख्य आधार झूम खेती और वन उत्पादों का संग्रह है.

पाकुड़ जिले में कई आदिवासी परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित, टूटे-फूटे  घरों में जीने को मजबूर

पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड स्थित धनगड़ी गांव के गांदे पहाड़िया ने बताया कि उनके गांव में करीब 50 से 55 परिवार रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत इस गांव को केवल 10 से 12 परिवारों को ही आवास मिल पाया है। बाकी परिवारों के पास आज भी जीवन-यापन के लिए टूटा-फूटा और कच्चे घर हैं। कुछ परिवारों में तो 7 से 10 सदस्य एक ही कमरे में रहकर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.