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ये है इंटरनेशनल क्रिमिनल...जिसे शिफ्ट किया जाएगा हाई सिक्योरिटी जेल में, इसी कुख्यात गैंगस्टर के नाम पर जारी हुआ था 'रेड कॉर्नर नोटिस'

Jharkhand Desk: विदेश से गिरफ्तार किए गए झारखंड के पहले अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उपकारा से केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया जा रहा है.
 
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Jharkhand Desk: झारखंड पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किए गए अंतरराष्ट्रीय अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अब जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जाएगा. जेल आईजी सुदर्शन मंडल के मुताबिक इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. बताया गया कि फिलहाल मयंक सिंह रामगढ़ जेल में बंद है, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे वहां रखना जोखिम भरा माना गया है.
उप कारा में रखना खतरनाक
विदेश से गिरफ्तार किए गए झारखंड के पहले अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उपकारा से केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया जा रहा है. जेल आईजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि अज़रबैजान से गिरफ्तार कर लाया गया मयंक सिंह फिलहाल रामगढ़ जेल में है. लेकिन रामगढ़ जेल इस तरह के कैदियों के लिए बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं है. जेल प्रशासन की तरफ से मयंक सिंह को रामगढ़ जेल से किसी सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने का आग्रह किया गया था. सुरक्षा के दृष्टिकोण से अब मयंक सिंह को जमशेदपुर के अति सुरक्षित घाघीडीह जेल में शिफ्ट किया जाएगा. इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव और इंटरनेशनल गैंगस्टर्स बन चुके लॉरेंस के बेहद खास मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा झारखंड का ऐसा पहला अपराधी है जिसकी गिरफ्तरी विदेश से हुई और उसे बाकू से प्रत्यार्पण कर भारत लाया गया. राजस्थान का रहने वाला मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा बेहद कुख्यात अपराधी है. झारखंड पुलिस के अथक प्रयास के बाद मयंक सिंह को अजरबैजान देश की राजधानी बाकू से पिछले साल गिरफ्तार किया गया था.
पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था की मयंक सिंह कौन है. एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में अपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है.

जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया और अजरबैजान में पकड़ा गया था. अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था. अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है. लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लॉरेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव (मृत) के साथ काम कर रहा था.

अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था. इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था. मयंक सिंह सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव था और मलेशिया में बैठकर सोशल मीडिया के जरिए अपने गैंग को लेकर खुलकर अपने विचार भी रखता था.

जैसे ही मयंक की पहचान हुई फौरन उसे खिलाफ आगे की कार्रवाई झारखंड एटीएस के द्वारा शुरू कर दी गई. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने पूर्व में बताया था कि झारखंड पुलिस के लिखित आग्रह पर सुनील मीणा का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया था. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया गया था.

झारखंड पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार मयंक सिंह के खिलाफ झारखंड के विभिन्न स्थानों में कुल 48 मामले दर्ज हैं. सबसे ज्यादा मामले मयंक के खिलाफ हजारीबाग जिले में दर्ज हैं. हजारीबाग के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा, हजारीबाग सदर जैसे थानों में मयंक के खिलाफ दर्जन भर केस दर्ज है. इसके अलावा रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह में भी मयंक सिंह के खिलाफ मामले दर्ज हैं.

बड़कागांव थाना: मयंक सिंह के खिलाफ बड़कागांव थाने में कई मामले दर्ज हैं. इनमें कांड संख्या 198/21 (दिनांक 01.09.2021), 252/21 (दिनांक 22.10.21), 256/21 (दिनांक 01.11.2021), 287/2023 (दिनांक 05.09.2023), 208/23 (दिनांक 28.06.2023) और 196/21 (उरीमारी ओ.पी., दिनांक 30.08.21) शामिल हैं. इन सभी मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 385/387 के तहत आरोप लगाए गए हैं.इसके अलावा, बड़कागांव (डाड़ीकला ओ.पी.) थाना कांड संख्या 182/23 (दिनांक 07.06.23) भी दर्ज है, जिसमें धारा 385/387 भा.द.वि. के तहत आरोप हैं.