भाजपा और झामुमो के बीच कड़ी टक्कर...बाबूलाल मरांडी ने कहा JMM को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं, इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को मैदान में उतरना पड़ा
Jharkhand Desk: घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्मा गया है. जेएमएम और भाजपा अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जेएमएम को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को मैदान में उतरना पड़ा है. जबकि झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा है कि भाजपा कटी और बटी हुई पार्टी है और उसकी हार सुनिश्चित है.

भाजपा और झामुमो के बीच कड़ी टक्कर
जमशेदपुर लोकसभा अंतर्गत घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है. 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जेएमएम के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है.
आपको बता दें कि क्षेत्र के जेएमएम विधायक रामदास सोरेन के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है. स्व. रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन झामुमो के प्रत्याशी हैं जबकि दूसरी तरफ झारखंड आंदोलनकारी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं.
दोनों ही राजनीतिक दलों ने स्टार प्रचारकों की घोषणा कर दी है. दोनों ओर से 40-40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई है. इधर, भाजपा के खेमे में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री मधू कोड़ा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन चुनावी मैदान में प्रचार प्रसार कर रहे हैं.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के पक्ष में सत्ताधारी पार्टी के विधायक और मंत्री लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रही हैं. जेएमएम प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन रोड शो और सभा को संबोधित करेंगे. 8 नवंबर तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन चुनावी मैदान में रहेंगे.
भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन की जीत सुरक्षित करने का दावा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी दोनों ही चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी के लिए उतर पड़े हैं, लेकिन जनता अब इनके असली चेहरे को पहचान चुकी है कि झारखंड को इन्होंने कितना लूटा है. अब जनता ने अपना मन बना लिया है और उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित है.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड के जितने भी पूर्व मुख्यमंत्री हैं, वह भाजपा के प्रत्याशी को जिताने के लिए मैदान में उत्तर पड़े हैं. लेकिन इसका कुछ भी असर नहीं पड़ेगा. भाजपा कटी और बटी हुई है. यही वजह है कि अभी तक अर्जुन मुंडा और रघुवर दास चुनावी मैदान में नहीं दिख रहे हैं. चंपाई सोरेन पहले आदिवासियों के कद्दावर नेता थे लेकिन अब नहीं रहे. घाटशिला का उपचुनाव एकतरफा हमारे पक्ष में है.







