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"हम यहां बहुत बुरी हालत में हैं हमारे पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं" अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के कुल 48 मजदूर

Jharkhand Desk: 

मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है. फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश में अपना दर्द साझा करते हुए कहा है, हम यहां बहुत बुरी हालत में हैं. कंपनी ने हमारा वेतन रोक दिया है और हमारे पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं. हम बस किसी तरह अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने बकाया वेतन के भुगतान की गुहार लगाई है.

 
Jharkhand News

Jharkhand Desk: झारखंड से रोजगार के लिए बाहर गए गिरिडीह , बोकारों और हजारीबाग जिले के 48 प्रवासी मजदूरों के विदेश में फंसे होने का मामला शुकवार को एक बार फिर सामने आया है. इस बार इन तीनों जिले के 48 प्रवासी मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे हुए हैं और पिछले तीन माह से मजदूरों को कंपनी की ओर से मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

इस वजह से मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है. फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश में अपना दर्द साझा करते हुए कहा है, हम यहां बहुत बुरी हालत में हैं. कंपनी ने हमारा वेतन रोक दिया है और हमारे पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं. हम बस किसी तरह अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने बकाया वेतन के भुगतान की गुहार लगाई है.

इस सिलसिले में प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर काम करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों के सकुशल वतन वापसी के लिए ठोस कूटनीतिक पहल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसने वाले मजदूरों का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसे कमाने की लालच में विदेश जाकर फंस चुके हैं. काफी मशक्कत के बाद उनकी वतन वापसी कराई गई. इसके बावजूद प्रवासी मजदूर पुरानी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं.

वहीं पिछले छः महीने पूर्व साउथ अफ्रीका के नाइजर से 25 अप्रैल 2025 को बगोदर के दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो एवं मुंडरो के उत्तम महतो  का अपहरण कर लिया गया जिसका अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है. ऐसे में सरकार को मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है.

ये हजारीबाग जिले से 19 मजदूर

अमरदीप चौधरी(ऊंचाघाना)

जिवाधन महतो(ऊंचाघाना)

धानेश्वर महतो(ऊंचाघाना)

जागेश्वर कुमार महतो(ऊंचाघाना)

गोविंद कुमार महतो(ऊंचाघाना)

खिरोधर महतो(ऊंचाघाना

नागेंद्र कुमार महतो(ऊंचाघाना)

कैलाश महतो(ऊंचाघाना)

नीलकंठ महतो(ऊंचाघाना)

अनंतलाल महतो(बंदखारो)

खुशलाल महतो(बंदखारो)

जगतपाल महतो(बलकमक्का)

मुकेश कुमार(खरकी)

मंटू महतो (ज्ञानगढ़ा)

गंगाधर महतो (मुरगामो)

मुकेश कुमार(चानो)

दिनेश तुरी (खरना)

देवेंद्र ठाकुर (खरना)

शंकर घांसी (खेदाडीह)

गिरिडीह जिले से 14 मजदूर

नंदलाल महतो(माहुरी)

संतोष महतो (अडवारा)

गुरुचरण महतो (बेको)

मनोज कुमार मंडल (दोंदलो)

खुबलाल महतो(दोंदलो)

अशोक कुमार (मुंडरो)झंडू महतो(कोसी)

सेवा महतो(कोसी)

मुरली मंडल (उलीबार)

सुखदेव सिंह (लोवाबार)

संजय कुमार(जरूवाड संजय कुमार महतो (खुखरा)

सुनील टूड्डू (बेरागढा खुर्द)

मिरुलाल हसदा(बेरागढा खुर्द)

बोकारो जिले से 15 मजदूर

अजय कुमार (फतेहपुर)

अनिल कुमार (फतेहपुर)

गोपाल महतो (खलचो)

राजेश करमाली (पेटरवार)

लालू करमाली (चिलगो)

जगन्नाथ महतो (चिलगो)

रूपलाल महतो (चुन्नू महुआटांड़)

दीपक सिंह (तिसरी)

कारु सिंह (तिसरी)

जगन्नाथ महतो (सीधाबारा)

बिरसाही तुरी(सीधाबारा)

सुबोध मरांडी (तिसरी)

मनोज कुमार रविदास (करी)

खेदन सिंह (क्रुकनालो)

सुखदेव महतो(तिसरी)

वहीं, प्रवासी श्रमिकों के हितों को लेकर अनवरत काम करने वाले सिकन्दर अली ने केन्द्र और राज्य सरकार से सभी 48 मजदूरों की सकुशल स्वदेश वापसी की अपील की है.