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किसने कहा, झारखंड की तस्वीर नहीं बदली है... राज्य सरकार की नीतियों से महिलाओं में काफी आक्रोश है और यहां की सरकार लूट खसोट में लगी है...

Jharkhand Desk: उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना में अब लाभुकों की संख्या घटती जा रही है. झारखंड पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक आठ हजार से ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार के मामले आये हैं. जिसमें ट्राइबल महिलाओं पर अत्याचार अधिक हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये चिंताजनक विषय है.
 
Jharkhand Politics

Jharkhand Desk: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव बिहार चुनाव की तरह दिलचस्प होता जा रहा है. हर पार्टी अपनी अपनी तरफ से जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं जनता को लुभाने में. सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. झारखंड के नेताओं के अलावा दूसरे प्रदेश के नेता भी मोर्चा संभाल चुके हैं.

इसी क्रम में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के पक्ष में प्रचार करने पश्चिम बंगाल की आसनसोल विधायक अग्निमित्र पाल घाटशिला पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा.

राज्य सरकार पर साधा निशाना

घाटशिला उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आईं आसनसोल की भाजपा विधायक अग्निमित्र पाल ने कहा कि वह 1 साल पूर्व भी झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए आईं थीं और आज 1 साल बाद आने का मौका मिला है.

उन्होंने कहा कि झारखंड की तस्वीर नहीं बदली है. राज्य सरकार की नीतियों से महिलाओं में काफी आक्रोश है और यहां की सरकार लूट खसोट में लगी है.

झारखंड के आदिवासी उपेक्षा का शिकारः अग्निमित्र पाल

उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य आदिवासियों के हित के लिए बना था. आज हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन एक आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद यहां के आदिवासी उपेक्षा के शिकार हैं. लोग यहां से काम के लिए आज भी पलायन कर रहे हैं, शिक्षा का अभाव है, युवाओं को रोजगार भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता पूरी तरह से खुद को ठगा महसूस कर रही है.

"राज्य में महिलाओं पर हो रहा अत्याचार"

उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना में अब लाभुकों की संख्या घटती जा रही है. झारखंड पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक आठ हजार से ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार के मामले आये हैं. जिसमें ट्राइबल महिलाओं पर अत्याचार अधिक हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये चिंताजनक विषय है.

आपको बता दें कि घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल अब साफ तौर पर दिखने लगा है. एक तरफ सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन की जीत सुनिश्चित करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कमान संभाल ली है, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी बीजेपी के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन की जीत सुनिश्चित करने के लिए अब दूसरे प्रदेश के नेताओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है.