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घाटशिला उपचुनाव में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार...CM हेमंत सोरेन और पत्नी कल्पना 3 नवंबर से करेंगे प्रचार-प्रसार

Jharkhand Desk: घाटशिला का यह उपचुनाव न केवल क्षेत्रीय सियासत बल्कि झारखंड की राजनीतिक दिशा तय करने में भी अहम साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में यहां का माहौल और भी गर्माने वाला है. गौरतलब है कि पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला सीट खाली हुई थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला लिया है.
 
JHARKHAND NEWS

Jharkhand Desk: झारखंड के घाटशिला उपचुनाव को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी भी चरम पर पहुंच गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ही दलों ने इस उपचुनाव को प्रतिष्ठा की लड़ाई बना लिया है और अपने-अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की तैयारी पूरी कर ली है. यहां 11 नवंबर को मतदान होगा और 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. घाटशिला सीट पर झामुमो की ओर से सोमेश सोरेन मैदान में हैं. उनके समर्थन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन स्वयं प्रचार की कमान संभालेंगे. दोनों नेता 3 नवंबर से गांव-गांव दौरा कर जनता से संवाद करेंगे और सरकार की उपलब्धियों तथा जनकल्याण योजनाओं को जनता के बीच रखेंगे. पार्टी का लक्ष्य स्थानीय मतदाताओं के बीच संगठन को मजबूत करते हुए सोमेश सोरेन की जीत सुनिश्चित करना है.

वहीं, भाजपा भी किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी ने अपने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को प्रचार में उतारने की योजना बनाई है. 5 नवंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान घाटशिला में जनसभा करेंगे, जबकि 6 नवंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. भाजपा इस चुनाव को राज्य सरकार के खिलाफ जनता के असंतोष को उजागर करने के अवसर के रूप में देख रही है. स्थानीय स्तर पर दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता घर-घर संपर्क अभियान चला रहे हैं. 

घाटशिला का यह उपचुनाव न केवल क्षेत्रीय सियासत बल्कि झारखंड की राजनीतिक दिशा तय करने में भी अहम साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में यहां का माहौल और भी गर्माने वाला है. गौरतलब है कि पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला सीट खाली हुई थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला लिया है.