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नूपुर के बयान से कई शहर सुलगे, रांची में लगभग 500 करोड़ का बिजनेस और सरकार को 75 करोड़ GST का घाटा

 


क्यों हुआ? कैसे हुआ? नहीं होना था. यही तो असल सवाल है. सिर्फ हिंसा को केन्द्रित कर इस प्रश्न से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता. हिंसा एक हथियार है कमज़ोरी का, शासक वर्ग इसे बखूबी  इस्तेमाल करता है. हिंसा के कई रूप हैं. आगज़नी, तोड़फोड़, पत्थरबाज़ी ही हिंसा नहीं है. कोई आपकी मां को गाली दे, हिंसा है. कोई आपके धर्म को गाली दे, हिंसा है. और इसका विरोध नहीं करना, ख़ामोश रह जाना, कार्रवाई नहीं करना, यह भी एक तरह से हिंसा है. हिंसा के लिए उकसाना भी हिंसा है. 

दरअसल पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी पर जहाँ दुनिया के कई देशों ने भारत की निंदा की. वहीँ नुपुर शर्मा के खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है, कहीं नूपुर शर्मा के खिलाफ तख्तियां उछाली जा रही हैं, कहीं तेवर दिखाए जा रहे हैं, कोई गिरफ्तारी की मांग कर रहा है तो कोई फांसी की सजा चाहता है. हंगामा ऐसा बरपा है कि देखते ही बन रहा है. नुपुर शर्मा के खिलाफ विरोध की आवाजें तेज होती जा रही हैं, मांग हो रही है कि नुपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाए. 

नूपुर शर्मा के खिलाफ शुक्रवार को देश के 13 राज्यों में प्रदर्शन हुए. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, बंगाल और गुजरात के कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी की.उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. प्रयागराज में प्रदर्शनकारियों ने PAC का ट्रक तक फूंक डाला. कर्नाटक में नूपुर का पुतला जला दिया. पश्चिम बंगाल के हावड़ा स्टेशन के पास लोगों ने पटरी पर आगजनी की और पुलिस का वाहन फूंक दिया.इस प्रदर्शन का रेलवे पर ये असर हुआ कि 4 ट्रेन कैंसिल करनी पड़ी और धारा 144 लागू कर दिया गया, प्रयागराज में 22 गिरफ्तार, up सहारनपुर में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

अहमदाबाद के कई मुस्लिम इलाकों में विरोध पर्दशन,  महाराष्ट्र के सोलापुर, औरंगाबाद में भारी बवाल देखने को मिला. कर्नाटक के  कई जिले में निष्कासित बीजेपी नेता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई है. हैदराबाद में जोरदार प्रदर्शन, जमकर नारेबाजी, दिल्ली के जामा मस्जिद के बाहर भी भारी भीड़ देखने को मिली. जुमे की नमाज के बाद कई लोगों ने एक साथ नारेबाजी की और नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, यही नहीं अब ये बवाल बांग्लादेश तक पहुंच गया, ढाका में प्रदर्शन किया गया.

देश के भीतर हुए बवाल के बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों की पुलिस को अलर्ट और तैयार रहने के लिए कहा है। हम बिहार की पड़ोसी राज्य रांची की बात करें तो नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रांची के कई इलाकों में उपद्रवियों ने पत्थरबाजी और हंगामा किया. इस घटना में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका रिम्स सहित अन्य निजी अस्पतालों मे इलाज चल रहा है. प्रशासन ने एहतियातन रांची के 13 थाना क्षेत्रों मे धारा 144 लागू कर दिया है. वहीं गृह विभाग की कि तरफ से इंटरनेट सेवाओं को भी बंद अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘आज हुई हिंसा की घटना बहुत चिंताजनक है लेकिन मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. जो लोग हिंसा में शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.''

बता दें, रांची में शुक्रवार की दोपहर जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद स्थिति पुलिस के नियंत्रण में तो है, लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. जिन इलाकों हिंसा भड़की है इन इलाकों में एक साथ 4 लोगों के जमा होने पर मनाही है.वहीं वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों के बीच किसी तरह की अफवाह न फैले इसे लेकर अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया गया है. बता दें, शुरुआती दौर में इंटरनेट सेवाओं को शनिवार सुबह 6 बजे तक के लिए बंद किया गया था जिसे फिर अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि अफवाहों पर विराम लग सके.

वहीँ मुसलिम पक्ष का कहना है कि मुसलमानों ने पैगंबर साहब के खिलाफ टिप्पणी करने वाले भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी की मांग के साथ जुलूस निकालने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें जुलूस नहीं निकालने दिया गया जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई. 

एक तरफ जहाँ नुपुर शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो वहीँ समर्थन के भी सुर उठ रहे हैं. लेकिन भाजपा भी नुपुर और नवीन जिंदल को दोषी मां रही अगर नहीं मानती तो कार्रवाई क्यों की, पार्टी ने नूपुर को निलम्बित करते हुए साफ कहा है कि किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान भाजपा स्वीकार नहीं करती. लेकिन सवाल ये उठता है कि नूपुर शर्मा पर पहले ही दिन कार्रवाई हो जाती तो यह नौबत आती?