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अग्निपथ स्कीम में आवेदन करने वालों का होगा बहिष्कार, खाप पंचायतों का ऐलान

 

हरियाणा में सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम का विरोध किसान आंदोलन जैसी राह पर बढ़ता दिख रहा है. हरियाणा के रोहतक में बुधवार को हुई एक बैठक में पंचायत नेताओं और किसान प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि जो युवक इसमें आवेदन करेगा उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. पंचायत नेताओं ने यह भी धमकी दी है कि वे राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन के नेताओं और इसका समर्थन करने वाले कुछ कॉरपोरेट घरानों का भी बहिष्कार करेंगे। बैठक में हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के विभिन्न खापों और सामुदायिक समूहों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।हरियाणा में खाप पंचायत नेताओं के अलावा कुछ किसान यूनियन के नेता और छात्र संगठनों के प्रतिनिधि भी इन बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं. 

21 जून को ऐसी ही बैठक हरियाणा में जींद में हुई थी. इस बैठक में 70 खाप प्रतिनिधियों की महापंचायत में फैसला लिया गया कि योजना वापस नहीं होगी तो बड़ा आंदोलन होगा. इसी तरह की एक और बैठक हरियाणा के रोहतक में 22 जून को हुई. इस महापंचायत में अलग-अलग प्रदेशों के 30 संगठन इकट्ठा हुए. बताया जा रहा है कि रोहतक की बैठक में किसान आंदोलन की तरह अग्निपथ योजना के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करने का फैसला लिया गया है.

बैठक की अध्यक्षता धनखड़ खाप के मुखिया ओम प्रकाश धनखड़ ने की. उन्होंने कहा कि “हम इस भर्ती में आवेदन करने वालों को सामाजिक रूप से अलग-थलग करने का प्रयास करेंगे. हम इस योजना का बहिष्कार कर रहे हैं, जिसमें अग्निवीर के नाम पर युवाओं को श्रमिक बनाया जा रहा है.” कहा कि जो लोग योजना के समर्थक हैं, हम उनसे सामाजिक दूरी बनाकर रखेंगे.

हालांकि उन्होंने ऐसे कॉरपोरेट घरानों और नेताओं के लिए "बहिष्कार" का ऐलान किया है जिन्होंने 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि लोगों से आग्रह किया जाएगा कि ऐसी कंपनियों के 10 हजार रुपये से अधिक कीमत वाले उत्पाद नहीं खरीदे. इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से कमेंट करते हुए वादा किया था कि अग्निपथ योजना के तहत 4 वर्ष देश की सेवा करने के बाद वापस आने वाले अग्निवीरों को गणेश जी के साथ हरियाणा सरकार में नौकरी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा खेल में मेडल लाने वाले अपने पहलवान को भी नौकरी देता है और अब मातृभूमि की रक्षा को समर्पित सेना के जवान अग्निवीरों को भी देगा. लेकिन हरियाणा के युवा इससे सहमत नहीं हुए.

बता दें कि केंद्र सरकार की इस योजना का सबसे ज्यादा विरोध हरियाणा और बिहार में हुआ है. बिहार में इसके विरोध में कई जगह सार्वजनिक परिवहन और संपत्तियों को आगजनी कर नुकसान पहुंचाई गई. वहीँ सैकड़ों युवाओं को गिरफ्तार भी किया गया हजारों पर मुक़दमा दर्ज हुआ, खाप नेताओं ने 27 जून से योजना के खिलाफ पैदल यात्रा निकालने की भी घोषणा की है. कहा कि सरकार को ये योजना वापस लेना ही होगा, इस बैठक में कई फैसले लिए गए जिनमें पहला निर्णय अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन करने वालों युवाओं पर दर्ज मुकदमा वापस लेना शामिल है.

एक तरफ जहाँ अब भी विरोध जरी है वहीँ अग्निवीरों की भर्ती के लिए इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अग्निपथ योजना के तहत वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत आज से कर दी गई है. ये पूरा प्रोसेस 5 जुलाई तक चलेगा. इसके बाद ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी और फिर चयनित उम्मीदवारों को अग्निवीर के तौर पर वायुसेना में काम करने का मौका मिलेगा. यह वायुसेना में अग्निपथ योजना के तहत पहली भर्ती प्रक्रिया है.

बता दें कि महज चार साल के लिए सेना में चयन को लेकर पूरे देशभर में इस योजना का विरोध हो रहा है. तमाम राज्यों में छात्र इस योजना का विरोध कर रहे हैं. साथ ही सियासी दल भी लगातार सरकार की योजना का विरोध कर रहे हैं. हालांकि सेना की तरफ से साफ कर दिया गया है कि योजना वापस नहीं ली जाएगी और इसी के तहत आगे भर्तियां होंगीं. इसका मतलब साफ है कि सरकार अग्निपथ स्कीम को वापस लेने के मूड में नहीं है. ऐसे में सवाल ये है कि हरियाणा का खाप पंचायत और बड़ा आंदोलन का ऐलान कितना कारगर साबित हो पता है?