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कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रियाएं आई सामने

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि वह तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रहे हैं. वैसे बता दे दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने से पहले यह फैसला लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाढ़ आ गई है. कोई इस फैसले को चुनाव से जोड़कर देख रहा है तो कोई इसे मास्टरस्ट्रोक बता रहा है. इतना ही नहीं कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद कांग्रेस सहित समूचे विपक्षी पार्टियों की भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. 

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सबसे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बात करते है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!’ वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘यह उन किसानों की जीत है, जो पिछले लंबे समय से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. 700 किसानों की मौत हुई. ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार इस सबके लिए दोषी है. किसानों को जो इतनी परेशानियां झेलनी पड़ी, हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.’

इतना ही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी खुशख़बरी मिली. तीनों कानून रद्द. 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए. उनकी शहादत अमर रहेगी. आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था. मेरे देश के किसानों को मेरा नमन.

वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट करते हुए कहा, ‘निरंकुश सरकार आज किसानों के अहिंसक आंदोलन के आगे हार गई. उन्होंने कहा, सरकार को मांगें पहले ही मान लेनी चाहिए थी. सरकारों को जनता के दबाव के आगे हमेशा झुकना चाहिए. किसानों व किसान आंदोलन को बधाई. केंद्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आखिर झुकना पड़ा. सरकार उन किसानों के परिवारों से भी माफी मांगे, जिनकी जान इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन में गई है.

आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट किया, ‘ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत ढेरों बधाई, भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ. सैंकड़ों किसानो की शहादत हुई. अन्नदाताओं को आतंकवादी कह कर अपमानित किया. इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनो काला कानून वापस हुआ.’

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