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पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी का निधन, राजस्थान की राजनीति में शोक की लहर

 
Nidhan

New Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बाड़मेर-जैसलमेर से चार बार सांसद रहे कर्नल सोनाराम चौधरी का बुधवार देर रात दिल्ली में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही राजस्थान की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई।

राजनीति और सेना—दोनों में अहम योगदान

कर्नल सोनाराम चौधरी राजनीति में आने से पहले भारतीय सेना में लगभग 25 साल तक सेवाएं दे चुके थे। बाद में कांग्रेस से जुड़े और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से चार बार जनता का प्रतिनिधित्व किया। वे राजस्थान विधानसभा में भी विधायक रहे। किसानों के मुद्दों को लेकर उनकी साफ छवि और सीधेपन की चर्चा हमेशा होती रही।

नेताओं ने जताया दुख

कर्नल चौधरी के निधन पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक प्रकट किया है।
    •    राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
    •    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें संवेदनशील और अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।
    •    विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें किसानों का सच्चा हितैषी बताया।
    •    वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा—“कर्नल सोनाराम जी का जाना बेहद दुखद है। उन्होंने सेना में रहते हुए और बाद में राजनीति में जनता की सेवा की। सांसद और विधायक के रूप में हमने साथ काम किया। यह राजनीति और समाज, दोनों के लिए बड़ी क्षति है।”

जनता के बीच लोकप्रिय छवि

कर्नल सोनाराम चौधरी को जमीनी नेताओं की श्रेणी में गिना जाता था। वे हमेशा आम लोगों के बीच मौजूद रहते और उनकी समस्याओं को उठाने में अग्रणी रहते थे। उनके निधन से बाड़मेर-जैसलमेर के लोगों ने अपने सच्चे जनप्रतिनिधि को खो दिया है।