सरकारी व सार्वजनिक कार्यक्रमों में चेहरे की पहचान पर स्पष्ट नियमों की माँग, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को ज्ञापन
Patna Desk: सार्वजनिक एवं सरकारी कार्यक्रमों में जहाँ चेहरे की पहचान अनिवार्य होती है, वहाँ हिजाब या घूँघट के माध्यम से चेहरे को पूरी तरह ढककर उपस्थिति पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने की माँग उठी है। इस संबंध में जिम्मेदार नागरिक आशीष रंजन सिंह निराला और अमल कुमार आनंद ने महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री तथा माननीय गृह मंत्री, भारत सरकार को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि शपथ-ग्रहण समारोह, आधिकारिक बैठकें, पुरस्कार वितरण, पहचान-आधारित प्रक्रियाएँ, सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रम और विभिन्न प्रशासनिक आयोजनों में उपस्थित व्यक्तियों की स्पष्ट पहचान राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए अत्यंत आवश्यक है। चेहरा पूरी तरह ढका होने की स्थिति में सुरक्षा सत्यापन और पहचान सुनिश्चित करने में व्यावहारिक कठिनाइयाँ आती हैं, जिससे व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
नागरिकों ने संविधान की भावना, राष्ट्रीय सुरक्षा और समान नागरिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाने का आग्रह किया है। ज्ञापन में सुझाव दिया गया है कि—
1. जिन कार्यक्रमों में चेहरे की पहचान आवश्यक हो, वहाँ हिजाब या घूँघट में उपस्थिति प्रतिबंधित की जाए।
2. पहचान सत्यापन के समय चेहरे का स्पष्ट रूप से दिखाई देना अनिवार्य हो।
3. ये नियम सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू किए जाएँ, ताकि निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह माँग किसी धर्म, समुदाय या परंपरा के विरोध में नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय हित, सुरक्षा और प्रशासनिक स्पष्टता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रखी गई है।
नागरिकों ने उम्मीद जताई है कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए आवश्यक और स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिससे सार्वजनिक और सरकारी व्यवस्थाओं में समान नियमों के साथ प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित हो सके।







