खेल जगत में महिला खिलाड़ियों के साथ घटा वो हादसा जिसने भारतवासियों का सिर शर्म से झुका दिया
National Desk: आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025 अपने अंतिम फेज में है. लीग स्टेज के मुकाबले लगभग समाप्त हो चुके हैं और अब सेमीफाइनल शुरू होने वाले हैं. सेमीफाइनल के लिए चारों टीमें पक्की हो गई हैं. ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और भारत ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है. जहां पहले सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड का सामना होने वाला है. वहीं दूसरे सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे से भिड़ेंगे. ऑस्ट्रेलिया 7 में से 6 मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची है. इस बीच इंदौर शहर में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ एक ऐसी घटना घट गई जिसने सारे देशवासियों का सिर शर्म से झुका दिया.
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दरअसल 23 अक्टूबर को वर्ल्ड कप मैच के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर में रुकी ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों ने जब अपने होटल से निकलकर एक कैफे की ओर जा रही थीं, तो इसी दौरान एक मोटरसाइकिल सवार ने कथित तौर पर दो क्रिकेटरों को गलत तरीके से टच किया. जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के मैनेजमेंट सिक्योरिटी ने इस घटना की शिकायत की.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड ने भी एक बयान जारी कर इस घटना की पुष्टि की. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए देश में कोई जगह नहीं है, और ये भी कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा. इस बीच मध्य प्रदेश पुलिस ने घटना के तुरंत बाद एक्शन लेते हुए छेड़छाड़ के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसे दो दिन की रिमांड पर भी ले लिया है.
बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं था, इससे पहले भी कई महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के मामले ने खेल जगत को हिलाकर रख दिया था. इस स्टोरी में हम उन्हीं मामले के बारे में बताने वाले हैं.

भारत में महिला खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले
- 2010 में, भारतीय महिला हॉकी टीम के सदस्यों ने तत्कालीन मुख्य कोच, महाराज कृष्ण कौशिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. ये आरोप तब सामने आए जब रंजीता देवी ने हॉकी इंडिया को एक ईमेल भेजकर उत्पीड़न के बारे में विस्तार से बताया. इस घटना ने राष्ट्रीय खेल में महिला एथलीटों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए.
- 2011 में तमिलनाडु बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव पर दुर्व्यवहार का आरोप लगा, कांस्य पदक विजेता ई तुलसी ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव, ए के करुणाकरण ने महत्वपूर्ण आयोजनों में टीम चयन के लिए उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर दबाव डाला.
- एशियाई खेल 2014 के लिए एक राष्ट्रीय शिविर के दौरान, जिमनास्टिक कोच मनोज राणा और जिमनास्ट चंदन पाठक पर एक महिला जिम्नास्ट का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा. 29 वर्षीय महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कोच और जिमनास्ट ने एक शाम जिमनास्टिक सत्र के दौरान उसकी गरिमा का अपमान किया और उसे डराया-धमकाया.
- 2021 में, तमिलनाडु ट्रैक एंड फील्ड प्रसिद्ध खेल कोच पी नागराजन को अनुचित व्यवहार के आरोप में गिरफ्तार किया गया क्योंकि कई महिला एथलीटों ने कोच पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.
- 2020 में इंडियन रेसलिंग का यह बदनाम मामला, जिसमें एक युवा महिला पहलवान ने रेसलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे जाने-माने भारतीय पहलवान सड़कों पर उतर आए और बृज भूषण की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
दुनिया में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले
- 2016 में यौन उत्पीड़न के सबसे हाई-प्रोफाइल मामलों में से एक में USA जिम्नास्टिक टीम के पूर्व डॉक्टर डॉ. लैरी नासर शामिल थे. नासर ने मेडिकल इलाज के बहाने सैकड़ों युवा महिला जिम्नास्ट का यौन शोषण किया.
- 2018 में खुलासा हुआ कि अफगानिस्तान की नेशनल महिला टीम की सदस्यों का देश के फुटबॉल फेडरेशन के पुरुषों द्वारा यौन और शारीरिक शोषण किया गया था, जिसमें प्रेसिडेंट केरामुद्दीन करीम भी शामिल थे. 2019 में FIFA की जांच के बाद, करीम पर फुटबॉल से लाइफटाइम बैन लगा दिया गया.
- 2018 में, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और दक्षिण कोरियाई शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटर शिम सुक-ही ने अपने पूर्व कोच, चो जे-बीओम पर आरोप लगाया कि जब वह नाबालिग थी, तब उन्होंने उनका यौन और शारीरिक उत्पीड़न किया था. लगातार उत्पीड़न के कारण, उन्होंने नेशनल टीम छोड़ दी. इसके बाद चो को शिम का शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया गया और उन्हें 12 साल जेल की सजा सुनाई गई है.
- 2020 में, कई हैती की महिला फुटबॉलरों ने हैती फुटबॉल फेडरेशन के प्रेसिडेंट यवेस जीन-बार्ट पर कई फुटबॉलरों, जिनमें नाबालिग भी शामिल थीं, के साथ सेक्शुअल असॉल्ट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. नवंबर 2020 में, FIFA ने जीन-बार्ट पर फुटबॉल से लाइफटाइम बैन लगा दिया.
- 2021 में, चीनी प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने चीन के पूर्व वाइस प्रीमियर झांग गाओली पर सेक्शुअल असॉल्ट का आरोप लगाया. पेंग ने आरोप लगाया कि झांग ने उन्हें जबरदस्ती सेक्शुअल रिलेशनशिप बनाने के लिए मजबूर किया, जिसके कारण आखिरकार उन्होंने ये आरोप सार्वजनिक करने का फैसला किया.
इस गंभीर मुद्दे पर विपक्ष ने भी महिला सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "देश के अलग-अलग हिस्सों से इस तरह की ख़बरें सुनाई दे रही हैं. ये और ज़्यादा चिंता का विषय है. महिलाओं के ख़िलाफ़ इस तरह के अपराध बढ़ते जा रहे हैं." उन्होंने कहा, "अफ़सोस की बात है कि जहां विपक्ष की सरकार हो वहां बीजेपी पूरी तरह से सड़कों पर दिखती है, लेकिन जहां उनकी अपनी सरकार है वहां वो चुप रहती है. मुझे नहीं लगता कि इस तरह का दोगलेपन से महिलाओं की सुरक्षा में कोई योगदान रह पाएगा."

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "इंदौर में जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का मैच होता है, तो खिलाड़ी कैसे मैदान में जाएंगे, होटल के भीतर और बाहर सुरक्षा को लेकर इंतज़ाम होंगे इसका एक पूरा रोड मैप होता है."

तृणमूल कांग्रेस ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है और बीजेपी से सवाल किया है.
पार्टी ने लिखा, "हमारे मेहमान, दिनदहाड़े एक कैफ़े की ओर जाते हुए डर के मारे एसओएस भेजने पर मजबूर हो गए. वो भी उस राज्य में जो खुद को 'भारत का दिल' कहता है. क्या यही भारत की छवि है जो हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं?"
पार्टी ने आगे लिखा, "एक ऐसा देश जो कभी हर मेहमान का स्वागत अतिथि देवो भव कहकर करता था, आज महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के लिए दुनिया भर में सुर्खियाँ बटोर रहा है. जब तक आपकी निगरानी में भारतीय या विदेशी महिलाएँ असुरक्षित हैं, ऐसे में आप नारी शक्ति का उपदेश नहीं दे सकते."
तृणमूल कांग्रेस ने पीएम मोदी और बीजेपी को टैग करते हुए लिखा कि इस मामले में उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग को टैग करते हुए पार्टी ने लिखा कि उसे कार्रवाई करनी चाहिए.

वहीं शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, "शर्मनाक! हम आर्थिक विकास का बखान तो करते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने में नाकाम रहे हैं."
बीजेपी ने क्या कहा?

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ये घटना इंदौर के लिए और देश के लिए शर्मनाक है.
उन्होंने कहा, "अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपराधियों के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. एक नज़ीर बननी चाहिए कि इस तरह की ग़लत हरकत के क्या परिणाम हो सकते हैं. अपराधियों के ख़िलाफ़ जो भी सख्त से सख्त कार्रवाई है, वो की जाएगी."
वहीं बीजेपी के एक विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि "नियम और क़ानूनों के तहत इस मामले में कार्रवाई की जा रही है. इंदौर पूरे देश में साफ़-सफ़ाई के लिए जाना जाता था, आज एक व्यक्ति ने इंदौर को बदनाम करने की कोशिश की है."







