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दिग्विजय सिंह की पोस्ट में आखिर ऐसा क्या है जिससे छिड़ गई है बहस, क्या लिखा है POST में देखते है...

National Politics: इस पोस्ट के बारे में पत्रकारों ने जब ये पूछा कि इसका क्या मतलब है, कांग्रेस संगठन में क्या वो सुधार चाहते हैं तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी हैं. उन्होंने केवल 'संगठन' की तारीफ़ की है. दिग्विजय के इस पोस्ट पर बीजेपी ने कहा है कि ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है...
 
DIJVIJAY SINGH POST VIRAL

National Politics: दिग्विजय सिंह ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा कि चित्र बेहद प्रभावशाली है. उन्होंने लिखा, "आरएसएस का ज़मीनी स्वयंसेवक और जनसंघ-बीजेपी का कार्यकर्ता नेताओं के चरण में बैठकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बना. ये संगठन की शक्ति है."

इस पोस्ट के बारे में पत्रकारों ने जब ये पूछा कि इसका क्या मतलब है, कांग्रेस संगठन में क्या वो सुधार चाहते हैं तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी हैं. उन्होंने केवल 'संगठन' की तारीफ़ की है. दिग्विजय के इस पोस्ट पर बीजेपी ने कहा है कि ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सिर्फ़ दिग्विजय सिंह ने ही राहुल गांधी की समझ पर सवाल नहीं उठाया है बल्कि बराक ओबामा ने भी इसका ज़िक्र किया है. 

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दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जो तस्वीर साझा की है वो पुरानी है. उस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे. तस्वीर में एक सम्मेलन के दौरान नरेंद्र मोदी बीजेपी के तत्कालीन वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आगे बैठे दिख रहे हैं.


इस तस्वीर को साझा करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, ''क्वोरा साइट पर मुझे यह चित्र मिला. बहुत ही प्रभावशाली है. किस प्रकार आरएसएस का ज़मीनी स्वयंसेवक और जनसंघ, बीजेपी का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फ़र्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना. ये संगठन की शक्ति है.''

माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ने इसके ज़रिये कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पार्टी संगठन में बदलाव करने का संदेश दिया है.

हालांकि दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से कहा कि उनका मक़सद कांग्रेस संगठन की आलोचना करना नहीं था, उन्हें जो कहना था वो उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कह दिया है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने भी कहा कि दिग्विजय सिंह ने बैठक में पार्टी संगठन में बदलाव को लेकर कुछ नहीं कहा है.

वैसे 19 दिसंबर को भी दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी से कहा था कि वो सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ कांग्रेस संगठन पर भी ध्यान दें.

दिग्विजय सिंह ने लिखा था, ''कांग्रेस को भी चुनाव आयोग की तरह सुधारों और व्यावहारिक विकेंद्रीकरण की ज़रूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि राहुल गांधी इस दिशा में क़दम उठाएंगे.''

इसके बाद उनकी ताज़ा पोस्ट के बाद ये कयास लगाया जाने लगा है कि वो कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव देखना चाहते हैं और उसे लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

बीजेपी ने दिग्विजय की पोस्ट पर क्या कहा

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इस बीच, बीजेपी ने दिग्विजय सिंह की पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये (पार्टी संगठन में बदलाव) कांग्रेस का अंदरूनी मामला है.

पार्टी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ''दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी की समझ पर सवाल नहीं उठाया है. बराक ओबामा ने अपनी किताब द प्रॉमिस्ड लैंड में लिखा है कि वो एक ऐसे छात्र की तरह हैं जो अपने टीचर को प्रभावित करने की छटपटाहट में बहुत कुछ भाव-भंगिमा तो दिखा रहा है लेकिन वास्तिवक ज्ञान और गंभीरता का उसमें अभाव है. अब सवाल है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जिस शख़्स के बारे में ऐसी बात कर रहे हैं उन्हें अमेरिका की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज़ की ओर से बुलाया जा रहा है. क्या ये आश्चर्य की बात नहीं है.''

उन्होंने कहा, ''ये खुद अमेरिकी सिस्टम के सामने सवाल है कि जिनके बारे में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का ये नज़रिया है उसे आईवी लीग की यूनिवर्सिटीज़ तटस्थता के साथ बातें करने के लिए बुला रही हैं. ये पूरी तरह राहुल गांधी की पूरी विदेश यात्रा की ऑब्जेक्टिविटी पर ही सवाल उठा रहा है.''