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मुजफ्फरपुर में लालू यादव के खिलाफ परिवारवाद दायर, अदालत पहुंचा हत्या का 30 साल पुराना मामला

 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम पश्चिमी के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद मुजफ्फरपुर के पारू थाना के उस्ती गांव के राजीव रंजन उर्फ टुनटुन सिंह ने दाखिल किया है। परिवाद में लालू यादव पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।


राजीव रंजन ने आरोप लगाया है कि 30 साल पहले लालू यादव ने एक ऐसा भड़काऊ भाषण दिया था, जिससे उत्तेजित होकर उनकी पार्टी (राजद) के समर्थकों ने मेरे पिता की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने परिवाद को सुनवाई पर रखा है। इसके लिए 19 जुलाई की तिथि तय की है।

परिवाद में राजीव रंजन उर्फ टुनटुन सिंह ने कहा है कि 1994 में राज्य में जनता दल की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि 27 जून 1994 को पटना के गांधी मैदान में लालू प्रसाद यादव ने जातिगत आधार पर टिप्पणी की। इस भाषण से उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उग्र हो उठे।

30 जून 1994 की सुबह बथान पर से उसके पिता जयनारायण सिंह का अपहरण कर लिया गया। गोली मारकर हत्या करने के बाद उनका शव चार जुलाई 1994 को शीशम के पेड़ से लटका दिया गया था।
परिवाद में उसने कहा है कि उनके पिता तत्कालीन बिहार पीपुल्स पार्टी के सक्रिय सदस्य व मुजफ्फरपुर पश्चिमी के अध्यक्ष थे।

जातीय उन्माद में उसके पिता के अलावा, जिले में अन्य लोगों की भी हत्याएं हुईं। परिवाद में इसके लिए लालू प्रसाद यादव को जिम्मेदार बताया गया है।