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लालू के बाद मांझी पर भड़के तेजस्वी, बोले- RSS के स्कूल में पढ़े हैं, इसलिए सच्चाई से वास्ता नहीं

 
jitan ram manjhi or tejashwi yadav

नवादा कांड की गूंज बिहार की सियासत में कम नहीं हो रही है। सुबह से ही नेताओं की कड़वी और तीखी प्रतिक्रियाएं एक के बाद एक सामने आ रही हैं। जीतनराम मांझी ने कह दिया है कि दलितों के घरों को यादवों के इशारे पर फूंका गया है। उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव को इसके लिए टारगेट किया। इस पर लालू यादव ने जीतनराम मांझी पर पलटवार कर दिया। अब उनके बेटे और बिहार सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पिता के सुर में सुर मिलाते हुए जीतनराम मांझी को उन्हीं की भाषा में समझा दिया है। सवेरे भी तेजस्वी का ट्वीट सामने आया था जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी दोनों को लपेटे में लिया था। नवादा के मुफस्सिल थाना के देदौर कृष्ण गांव में बुधवार की रात दबंगों ने पहले फायरिंग करके दहशत फैला दिया और उसके बाद महादलितों के 30 घरों को आग के हवाले कर दिया।

इस मामले में मोदी सररकार के मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि यादव जाति के लोगों ने मुसहर और चमार जाति के लोगों की जमीन हथियाने के लिए पासवान जाति के लोगों को आगे करके इस वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने अपने तर्क में कहा कि जिन लोगों की गिरफ्तारी की गयी है उनमें 12 यादव जाति के ही हैं। इस पर पहले लालू यादव ने पलटवार किया उसके बाद तेजस्वी ने मांझी को आड़े हाथों लिया। मीडियाकरमियों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतनराम मांझी आरएसएस की भाषा बोल रहे हैं। उन्हें सच से कोई मतलब नहीं है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतनराम मांझी और उनके बेटे संतोष मांझी आरएसएस के स्कूल में पढ़े हैं। इन लोगों को आरएसएस वालों ने जो थमा दिया उसे पढ़ रहे हैं। तथ्य और सत्य से उन्हें कुछ लेना देना नहीं है। तेजस्वी ने कहा कि वे केंद्र में मंत्री हैं। बिहार में भी उन्हीं की सरकार है। जिसने भी आग लगाई है उन्हें गिरफ्तार करें। उन्हें मुख्यमंत्री को मेमोरेंडम देना चाहिए जो अभी तक नहीं दिया। तेजस्वी ने कहा कि किसी को भी तथ्य के साथ बोलना चाहिए। उन्हें पता है कि दिल्ली से लेकर बिहार तक उन्हीं की सरकार है। उन्हें कार्रवाई करना चाहिए।

इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि जीतनराम मांझी देश और समाज को भ्रमित करना चाहते हैं। हम खुद देखेंगे कि इसमें कौन है कौन नहीं है। जीतनराम मांझी बड़े नेता हैं उन्हें ऐसे ही नहीं बोलना चाहिए।