बिहार चुनाव से पहले नीतीश को फिर से लगा झटका, जदयू की कद्दावर नेत्री मीना द्विवेदी ने थामा प्रशांत किशोर का हाथ
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नेताओं का एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका तब लगा जब जदयू की कद्दावर नेता और तीन बार की विधायक मीना द्विवेदी ने पार्टी छोड़कर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया।
तीन बार गोविंदगंज सीट से विधायक रहीं
मीना द्विवेदी का नाम चंपारण की राजनीति में एक मजबूत चेहरा माना जाता है। वे जदयू से लगातार 2005 और 2010 में गोविंदगंज सीट से जीत दर्ज कर चुकी हैं। बुधवार को पटना में आयोजित कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने उन्हें पीला गमछा पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई।
इस्तीफे में लगाए थे गंभीर आरोप
हाल ही में मीना द्विवेदी ने जदयू से इस्तीफा दिया था। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को लिखे त्यागपत्र में आरोप लगाया था कि पार्टी ने उनके परिवार की वर्षों से अनदेखी की। अब जन सुराज से जुड़ने के बाद माना जा रहा है कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में गोविंदगंज सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं।
बाहुबली परिवार से जुड़ा है राजनीतिक सफर
मीना द्विवेदी पूर्वी चंपारण के एक बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे, जो एक समय चंपारण के बाहुबली नेता माने जाते थे, जेल में रहते हुए भी विधायक बने थे। 1998 में उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद परिवार की राजनीतिक विरासत को उनके भाई भूपेंद्र नाथ दुबे और फिर खुद मीना द्विवेदी ने आगे बढ़ाया। हालांकि, 2015 और 2020 में गठबंधन की वजह से जदयू को गोविंदगंज सीट नहीं मिली और उन्हें टिकट से वंचित रहना पड़ा।
जन सुराज में बढ़ेगी पकड़
मीना द्विवेदी के शामिल होने को लेकर जन सुराज पार्टी ने कहा कि उनकी एंट्री से चंपारण में संगठन को मजबूती मिलेगी। पार्टी का दावा है कि उनके साथ जिला और प्रखंड स्तर के कई जदयू पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी जन सुराज में शामिल हुए हैं।







