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पारस के लिए खुले हैं सारे विकल्प, कहा- हाजीपुर से ही लड़ेंगे चुनाव

 

बिहार की 40 लोकसभा सीटों की शेयरिंग का फ़ॉर्मूला क्या होगा इसकी घोषणा अभीतक नहीं हो पाई है. ऐसा साफ़ दिख रहा है कि मामला अभी भी उलझा हुआ है. नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी आरएलजेपी ने इसमें पेंच फंसा दिया है. बताया जा रहा है कि जो भी फ़ॉर्मूला तैयार हुआ है उसको लेकर पशुपति पारस असहज है. उन्हें यह बात बिलकुल भी नहीं भा रही है कि भाजपा ने उनकी पार्टी की जगह चिराग की पार्टी को  ज्यादा तरजीह दी है. ऐसी चर्चा है कि चिराग को 5 सीटें दी जा रही है और पारस को एक भी नहीं. इनसब के बीच आरएलजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमारे साथ अन्याय किया है इसलिए हमारे सारे विकल्प खुले हैं. दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है जिसमें पारस कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. गुरुवार को भी संसदीय बोर्ड की मीटिंग हुई थी जिसमें सभी प्रकार के फैसले लेने के लिए आरएलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को अधिकृत किया गया था.

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा, "...मीडिया के माध्यम से आई खबरों के मुताबिक हमारी पार्टी को तरजीह नहीं दी जा रही है. इससे हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है. जबतक विधिवत भाजपा की लिस्ट नहीं आती तबतक हमारा आग्रह है कि हमारे पार्टी के 5 सांसदों पर पुनः विचार करें. हम लिस्ट का इंतजार करेंगे. घोषणा के बाद अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो हमारी पार्टी कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है." 

बिहार में चार सांसद पासवान जाति के हैं, जिसमें से तीन का टिकट काट दिया गया है.एक भाजपा के विधान पार्षद थे संजय पासवान उनका भी टिकट काट दिया गया है. इससे एक गलत मैसेज पूरे देश जा रहा है. इसलिए हमारी पार्टी  लिस्ट का इंतेजार कर रही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि वह हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे .