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Amit Shah Bihar Visit: सीमांचल की सुरक्षा पर अब तक की सबसे बड़ी रणनीतिक बैठकों में से एक, पूर्णिया बनेगा केंद्र

 
Amit Shah Bihar Visit: सीमांचल की सुरक्षा पर अब तक की सबसे बड़ी रणनीतिक बैठकों में से एक, पूर्णिया बनेगा केंद्र

Bihar News: पूर्णिया इस दिसंबर बिहार की सुरक्षा–राजनीति का सबसे अहम पड़ाव बनने जा रहा है। सीमांचल जैसे संवेदनशील भूभाग में पहली बार राज्य के तमाम शीर्ष पुलिस अधिकारी, बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी, और संभवतः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक ही टेबल पर सुरक्षा का खाका खींचते दिखाई देंगे। 14–15 दिसंबर की तिथियों को लेकर तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं और जिला पुलिस ने प्रोटोकॉल से लेकर मीटिंग-सेटअप तक सभी व्यवस्थाएँ तेज़ी से दुरुस्त करनी शुरू कर दी हैं।

दो दिन का हाई-लेवल सुरक्षा मंथन

यह बैठक केवल एक प्रशासनिक इवेंट नहीं, बल्कि बिहार की सुरक्षा संरचना के री-डिज़ाइन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। दो दिन तक चलने वाला यह मंथन इन मुद्दों पर केंद्रित होगा:
    •    सीमांचल की संवेदनशीलता और बॉर्डर-इंटेलिजेंस
    •    अंतरराज्यीय और क्रॉस-बॉर्डर आपराधिक नेटवर्क
    •    कट्टरपंथी गतिविधियाँ व अवैध आवागमन
    •    बिहार में अपराध नियंत्रण और पुलिसिंग मॉडल
    •    फील्ड रिपोर्ट बनाम रणनीतिक फैसलों का नया तालमेल

सम्राट चौधरी सुरक्षा-तंत्र की कमियों और ज़मीन से मिली रिपोर्टों का मिलान करते हुए नई रणनीति का खाका तैयार करेंगे। अमित शाह की संभावित उपस्थिति इस बैठक को राजनीतिक और सुरक्षा—दोनों स्तरों पर असाधारण महत्व देती है।

पूर्णिया क्यों बना केंद्र? इसके पीछे कई परतें

पूर्णिया और सीमांचल को इस बैठक का केंद्र चुनने का फैसला किसी प्रतीकात्मक राजनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि सुरक्षा संबंधी वास्तविकताओं पर आधारित है।
इस इलाके की खासियतें:
    •    नेपाल, बंगाल और झारखंड की त्रि-दिशीय नज़दीकियाँ
    •    किशनगंज के पार बंगाल, और उसके उस पार बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा
    •    तस्करी, अवैध इमिग्रेशन, हथियार नेटवर्क और कट्टरपंथी गतिविधियों का लगातार खतरा
    •    क्रॉस-बॉर्डर मॉड्यूल्स पर केंद्रीय एजेंसियों की पहले से पैनी निगाह

यह पूरा भूभाग पूर्वी भारत की सुरक्षा कड़ी का कमज़ोर लेकिन बेहद निर्णायक जोड़ माना जाता है।

बिहार की सुरक्षा नीति बदलने वाला पड़ाव साबित हो सकता है

पूर्णिया में होने वाली इस हाई-लेवल बैठक से एक बात साफ़ है—बिहार सरकार सीमांचल को लेकर अब अलग और आक्रामक सुरक्षा दृष्टिकोण अपनाने के मूड में है।

मीटिंग में लिए जाने वाले फैसले आने वाले महीनों में:
    •    बिहार की खुफिया संरचना,
    •    बॉर्डर मॉनिटरिंग सिस्टम,
    •    और पुलिसिंग के मॉडल

पर दूरगामी असर डाल सकते हैं।

सीमांचल अब सिर्फ़ एक भूगोल नहीं, बल्कि बिहार की सुरक्षा राजनीति का केंद्र बन चुका है। पूर्णिया की यह रणनीतिक बैठक उसी बदले हुए सुरक्षा परिदृश्य की सबसे मजबूत झलक है।