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अमित शाह ने बता दिया पारस को क्यों नहीं मिली एक भी सीट, जदयू और भाजपा के साथ होने पर भी बोले

 

लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है. पूरे देश में आचार संहिता लागू हो चुकी है. बिहार में 40 सीटों पर घमासान होना है और एनडीए ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया है. उम्मीदवारों के नामों पर मंथन अभी जारी है. महागठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी तक तय नहीं हो सका है. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे और लोजपा के दोनों खेमों को लेकर बड़ा बयान दिया है.

अमित शाह ने कहा है कि -पशुपति पारस से अब समझौते की गुंजाइश कम रह गयी है. ऐसे में अब यह भी कह सकते हैं कि लगभग नहीं के बराबर है. हमने उनको मौका दिया था अगर पूरा परिवार साथ में आता तो ये अच्छा होता. लेकिन, अब उनका निर्णय था और पार्टी के नेतृत्व के तरफ से यह निर्णय लिया गया है. ऐसे में अमित शाह की इस बात का मतलब निकाले तो उनका कहना था कि- पशुपति पारस यदि चिराग पासवान के साथ मिल जाते तो फिर समस्या नहीं होती है. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया और इसी कारण भाजपा ने उनके साथ यह निर्णय लिया है.

वहीं, चुनाव से पहले नीतीश कुमार के साथ आने से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि एक बिहार में हमने तो कभी पलटी नहीं मारी, हम कल जहां थे वहां से आगे ही निकले हैं, पीछे तो गए नहीं. हम जहां थे वहीं थे. हम गंगा किनारे थे और वहीं रहे। वो आकर हमारे साथ मिले रो ये तो उनकी इक्छा हुई तभी संभव हुआ ना.

जदयू को सीट बंटवारे में 16 सीटें देने के एक सवाल पर अमित शाह ने कहा कि बिहार यूनिट के नेगोशिएशन का ये नतीजा है. उन्होंने कहा कि बिहार में हम पहली बार नीतीश कुमार से अधिक सीटों पर लड़ रहे हैं. भाजपा वहां बड़े भाई की भूमिका में है. ये हमारे लिए बड़ी बात है. उन्होंने बड़ी जीत का दावा किया.

बता दें कि बिहार में एनडीए में सीट शेयरिंग के तहत भाजपा को 17, जदयू को 16, चिराग पासवान की पार्टी को 5 और उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी की पार्टी को एक-एक सीट मिला है. इस बार कई सीटों की अदला-बदली भी आपस में की गयी है.