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28 साल पुराने मामले में आनंद मोहन बरी, जेल में बंद कैदी के साथ मारपीट का है मामला

 

लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मुजफ्फरपुर की कोर्ट ने 28 साल पुराने मामले में आनंद मोहन को बरी कर दिया है। जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी के साथ मारपीट के मामले में आनंद मोहन को यह राहत मिली है. पूर्व सांसद आनंद मोहन को मुजफ्फरपुर कोर्ट ने सबूत के अभाव में रिहा कर दिया. इस दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन भी मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में मौजूद रहे. अपनी रिहाई पर खुशी जताते हुए आनंद मोहन ने न्यायलय पर अपना भरोसा जताया.

दरअसल, मुजफ्फरपुर में 1996 में जेल में बंद एक कैदी के साथ मारपीट के मामले में चार लोगों को नामजद किया गया था, जिसमे मुन्ना शुक्ला, बबलू श्रीवास्तव, रामू ठाकुर, आनंद मोहन समेत चार लोग आरोपी बनाए गए थे। मिठनपुरा थाने में मामला दर्ज किया गया था। वहीं मामले के सुनवाई के दौरान बबलू श्रीवास्तव और रामू ठाकुर की मौत हो थी, जबकि मुन्ना शुक्ला की इस मामले में रिहाई हो चुकी है। सिर्फ आनंद मोहन के खिलाफ मामला चल रहा था, जहां इस पुराने मामले में आज पूर्व सांसद आनंद मोहन को कोर्ट ने बरी कर दिया.

पूर्व सांसद आनंद मोहन ने अपनी रिहाई पर खुशी जताई।  पूर्व सांसद आनंद मोहन ने दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल को न्यायालय पर भरोसा रखने की नसीहत दी। पूर्व सांसद ने कहा कि इस मामले में अगर आप निष्पक्ष हैं तो आपको अदालत पर भरोसा रखना चाहिए। इस मामले में ED की कार्रवाई, बेवजह नहीं है। अंदर आग लगी है तभी तो धुंआ उठ रहा है।

उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी लवली आनंद शिवहर से JDU की सीट पर चुनाव लडने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसको लेकर JDU से भी मंजूरी मिल चुकी है। इसको लेकर अब वह खुद भी सक्रिय होकर अपने क्षेत्र में लगातार लोगों में मिल रहे हैं।