RJD नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, विधान परिषद रिजल्ट पर लगाई रोक

बिहार विधान परिषद की खाली हुई एक सीट के लिए JDU की तरफ से ललन प्रसाद ने नामांकन किया है। उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने विधान परिषद के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। इस मामले में कल फिर से सुप्रीम सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान पूर्व MLC सुनील सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि, 'सुनील कुमार सिंह ने सीएम नीतीश कुमार को 'पलटू राम' कहा, लेकिन यह इतना गंभीर उल्लंघन नहीं था कि स्थायी रूप से निष्कासित कर दिया जाए।' सिंघवी के इस दलील पर इस पर कोर्ट ने कहा, 'हम कल भी इस मामले पर सुनवाई जारी रखेंगे। तब तक परिणाम घोषित नहीं किया जाना चाहिए।'
दरअसल, पिछले साल विधान परिषद की मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के आरोप में विधान परिषद की आचार समिति ने लालू प्रसाद के करीबी राजद के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता रद्द कर दी थी। जिसके बाद सुनील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

सिंघवी ने न्यायिक मिसाल का हवाला देते हुए तर्क दिया कि 'संसद के कार्य न्यायिक जांच के दायरे में आते हैं। अनुच्छेद 32 के तहत यह याचिका ही हमारा एकमात्र उपाय है। हम चुनाव याचिका या कुछ भी दायर नहीं कर सकते। मुझे वीडियो-रिकॉर्डिंग नहीं दी गई और जब मुझे (सुनील सिंह) निष्कासित किया गया तो सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ।'