Movie prime

बिहार चुनाव से पहले बड़ी हलचल: नीतीश कुमार और अमित शाह की अहम मुलाकात, सीट बंटवारे पर बन सकती है सहमति

 
बिहार चुनाव से पहले बड़ी हलचल: नीतीश कुमार और अमित शाह की अहम मुलाकात, सीट बंटवारे पर बन सकती है सहमति

Bihar Politics: पटना में गुरुवार को बिहार की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। हालांकि इसे औपचारिक मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। शाह बुधवार देर शाम ही पटना पहुंचे थे और गुरुवार को वह कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं।

मुलाकात में कौन-कौन रहे मौजूद?

अमित शाह और नीतीश कुमार की इस बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, राज्य सरकार के मंत्री विजय चौधरी और जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी मौजूद रहे। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि इस मुलाकात का मकसद महज़ औपचारिक नहीं बल्कि सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बनाना भी है।

सीट बंटवारे पर अटका मामला

सूत्रों के मुताबिक, एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे पर पेंच अभी तक फंसा हुआ है।
    •    जदयू को 102–103 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।
    •    भाजपा 101–102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
    •    चिराग पासवान की LJP (रामविलास) को 25–28 सीटें मिल सकती हैं।
    •    जीतन राम मांझी की HAM को 6–7 सीटें और
    •    उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4–5 सीटें दिए जाने की चर्चा है।

हालांकि चिराग पासवान 40 से ज्यादा सीटों की मांग पर अड़े हैं, लेकिन अंदरखाने यह माना जा रहा है कि उन्हें उतनी सीटें नहीं मिलेंगी।

शाह-नीतीश से तय होगा रोडमैप

पटना के होटल में हुई इस बैठक में सीट बंटवारे पर गहन चर्चा की गई। संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में एनडीए गठबंधन सीटों की आधिकारिक घोषणा कर सकता है। उससे पहले अमित शाह और नीतीश कुमार घटक दलों को भरोसे में लेकर अंतिम रणनीति तैयार करेंगे।

2020 से बेहतर प्रदर्शन का टारगेट

2020 में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं, जिसमें भाजपा के खाते में 74 और जदयू को 43 सीटें मिली थीं। वहीं सहयोगी दलों में HAM को 7 और वीआईपी को 11 सीटें दी गई थीं। इस बार एनडीए में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की एंट्री हुई है जबकि मुकेश सहनी की पार्टी अलग हो चुकी है।
गठबंधन की कोशिश है कि 2020 से ज्यादा सीटें जीतकर एक मजबूत वापसी की जाए। इसके लिए शाह और नीतीश की मुलाकात को गेमचेंजर माना जा रहा है।