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Bihar Assembly Session 2025: पाँच दिन की सियासी गर्मी के बाद शीतकालीन सत्र शांतिपूर्वक खत्म, स्पीकर ने दिया नए साल का संदेश

 
Bihar Assembly Session 2025: पाँच दिन की सियासी गर्मी के बाद शीतकालीन सत्र शांतिपूर्वक खत्म, स्पीकर ने दिया नए साल का संदेश

Bihar News: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र- मात्र पाँच दिनों का छोटा कैलेंडर, लेकिन राजनीतिक तेवरों से भरपूर, शुक्रवार को औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। स्पीकर प्रेम कुमार ने गवेल बजाकर 18वीं बिहार विधानसभा के इस सत्र का समापन करते हुए सदन के सभी सदस्यों को आने वाले नए वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि “विरोध अपनी जगह है, लेकिन लोकतंत्र की आत्मा तभी कायम रहती है जब बहसें मर्यादा और संयम के भीतर हों।”

सत्र के आखिरी दिन भी तंज़, तेवर और बहसें जारी

सत्र के अंतिम दिन सदन का माहौल हल्की नोक–झोंक और राजनीतिक चुटीले संवादों से एक बार फिर गरमा गया। विपक्ष ने सरकार की आर्थिक रणनीतियों, पूरक बजट और प्रशासनिक कमियों पर तीखे सवालों की बौछार की। वहीं सत्ता पक्ष भी पीछे हटने वालों में नहीं था, उन्होंने सटीक जवाबों और राजनीतिक तर्कों के साथ विपक्ष की हर आलोचना का मुकाबला किया।
बयानबाज़ी और आरोप–प्रत्यारोप ने माहौल को ऐसा रंग दिया कि सदन किसी लोकतांत्रिक मंच से ज़्यादा एक ज़ोरदार सियासी अखाड़े की तरह दिखाई दिया।

स्पीकर का संदेश: बहस हो, मगर उसकी भाषा लोकतांत्रिक हो

समापन संबोधन में स्पीकर प्रेम कुमार ने सभी दलों के सहयोग के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि सीमित समय होने के बावजूद सदन ने कई ज़रूरी विधायी कार्य पूरे किए और इससे यह साबित होता है कि मतभेद भले हों, उद्देश्य जनता का हित ही है।

अब अगली गूंज 2026 में

इस तरह पाँच दिन के राजनीतिक उतार–चढ़ाव, बहसों और हल्की तल्ख़ियों के बाद शीतकालीन सत्र 2025 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। अगला सत्र 2026 में नए मुद्दों, नई रणनीतियों और नई सियासी गर्माहट के साथ शुरू होगा और बिहार की राजनीति की कहानी एक बार फिर नए मोड़ लेगी।

पाँच दिनों का यह सत्र भले शांतिपूर्वक खत्म हो गया हो, लेकिन बिहार की राजनीतिक हलचल यहाँ ठहरने वाली नहीं अगला अध्याय जल्द ही शुरू होने वाला है।