बिहार में बाढ़ से हाहाकार, सीएम नीतीश आज करेंगे एरियल सर्वे, ले सकते हैं बड़ा फैसला
बिहार में कोसी और गंडक नदियों से मचे हाहाकार के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. नेपाल में पिछले दिनों हुई भारी बारिश से बिहार की इन दोनों नदियों में करीब 13 लाख क्यूसेक पानी आया है. इससे उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाढ़ के तांडव और जल प्रलय से जिन्दगी बचाने की जद्दोजहद में जुटी कई ऐसी तस्वीरें आई हैं जो दिल दहला देती हैं. बाढ़ की इस विभीषका को देखने अब सीएम नीतीश खुद निकले हैं.
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। सूबे में अबतक बाढ़ के कारण सात तटबंध टूट गए हैं, जिससे लगभग दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं। करीब 12 जिलों में कई गांव के लोग बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे हैं। जनजीवन को अस्त-व्यस्त हो गया है। जिस सड़क पर कल तक गाड़ी चलती थी वहां अब नाव चल रहे हैं। बिहार में करीब 60 साल का रिकार्ड टूट गया है। बाढ़ ने बिहार के कई इलाकों को बर्बाद कर दिया है। लोग घर छोड़कर भागने के लिए विवश हैं।
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए पड़ोस राज्यों से एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है. उत्तर बिहार के जिलों मे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने NDRF की तीन टीम वाराणसी से एवं 03 टीम रांची से बुलाया है. एनडीआरएफ की छह टीमें बिहार पहुंच चुकी है. इसके अतिरिक्त बिहार मे पूर्व से stationed NDRF की 12 एवं SDRF की 22 टीमे बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य मे लगी हुई हैं.
बता दें, सीतामढ़ी, सुपौल,दरभंगा,बेतिया, मधुबनी, कटिहार,गोपालगंज, सीवान,मुजफ्फरपुर के कई इलाकों में बाढ का पानी लोगों के घरों में गुस गया है. लोग सुरक्षित स्थान पर घर बार छोड़ कर शरण ले रखे हैं. कई जगह तो लोग घर के छत पर समय काटने को मजबूर हैं. बगहा में चंपारण तटबंध टूट गया है. वहीं दरभंगा में कोसी तटबंध टूटने से हाहाकार मचा हुआ है.तटबंध टूटने से प्रवेश प्रखंड और घन्यश्यामपुर प्रखंड के दर्जनों गांव को बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिससे लाखो की आबादी प्रभावित होने की बात सामने आ रही है।
बाढ़ के कारण लगभग पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं तो बाढ़ के पानी में कई घर बह गए हैं वहीं फसलें नष्ट हो गई हैं. मौसम विभाग ने पांच जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. यह चेतावनी उन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है जहां पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. लगातार बारिश से जल स्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है.