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Bihar Election 2025: पप्पू यादव का बड़ा बयान- “नीतीश कुमार चाहें तो कांग्रेस में उनका सम्मान और स्वागत दोनों होगा”

 
Bihar Election 2025: पप्पू यादव का बड़ा बयान- “नीतीश कुमार चाहें तो कांग्रेस में उनका सम्मान और स्वागत दोनों होगा”

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान ने अब पूरी रफ्तार पकड़ ली है। नामांकन प्रक्रिया समाप्त होते ही सियासी बयानबाज़ी और जोड़तोड़ का दौर तेज़ हो गया है। इसी बीच पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है।

पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए पप्पू यादव ने कहा- अगर नीतीश कुमार चाहें, तो कांग्रेस पार्टी उनका सम्मान भी करेगी और स्वागत भी। कांग्रेस के दरवाज़े हमेशा खुले हैं। उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का रुख अक्सर गठबंधन समीकरणों को प्रभावित करता रहा है।

भाजपा नीतीश कुमार को सम्मान नहीं देगी

जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या चुनाव के बाद नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, तो पप्पू यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा- बिलकुल नहीं। भाजपा उन्हें सम्मान नहीं देगी। भाजपा की राजनीति में अब नीतीश कुमार के लिए कोई जगह नहीं बची है।उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व सिर्फ सत्ता की राजनीति कर रहा है, जबकि कांग्रेस में अब भी सहयोग और सम्मान की भावना बाकी है।

महागठबंधन में एकजुटता, भाजपा पर वार

महागठबंधन के भीतर मतभेद की चर्चाओं को खारिज करते हुए पप्पू यादव ने कहा, महागठबंधन में सब ठीक है। अकेला पप्पू यादव पूरे इंडिया पर भारी है, आप चिंता मत कीजिए। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि क्या भाजपा के भीतर खुद एकजुटता है? भाजपा के नेताओं से पूछिए, क्या उनमें एकता है? वे खुद अपनी राजनीति में उलझे हुए हैं।

छठ के बाद दिखेगा प्रचार का रंग

पप्पू यादव ने बताया कि छठ पर्व के बाद बिहार में महागठबंधन का प्रचार अभियान तेज़ी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष बिहार में जनसभाएं करेंगे। बिहार की जनता महागठबंधन के साथ है, इंडिया गठबंधन से नहीं। हम पहले से अधिक मज़बूत हैं।”

राजनीतिक संदेश और संकेत

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव का यह बयान सिर्फ एक औपचारिक टिप्पणी नहीं है, बल्कि बिहार के बदलते समीकरणों का संकेत भी देता है। नीतीश कुमार के प्रति कांग्रेस की “खुली पेशकश” यह दिखाती है कि चुनाव के बाद संभावित राजनीतिक पुनर्संयोजन की तैयारी पहले से जारी है।