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Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान- जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा और 30 हजार मासिक वेतन, सम्राट चौधरी ने कहा ‘सिर्फ गप’

 
Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान- जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा और 30 हजार मासिक वेतन, सम्राट चौधरी ने कहा ‘सिर्फ गप’

Bihar political news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार प्रसार के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में बड़ा राजनीतिक ऐलान किया। उन्होंने वादा किया कि महागठबंधन की सरकार बनने पर राज्य की जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा दिया जाएगा, उनका मासिक वेतन 30 हजार रुपये किया जाएगा।

साथ ही उन्होंने जीविका समूह की दीदियों के लोन पर ब्याज माफी, प्रतिमाह भत्ता, बीमा और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजनाओं जैसी घोषणाएं भी की। महागठबंधन की तरफ से यह कदम महिलाओं और युवाओं को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

सम्राट चौधरी का पलटवार

तेजस्वी यादव के वादों पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा: ये लोग सिर्फ चुनाव के वक्त गप मारते हैं। पहले कहा कि 2 करोड़ 70 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे, अब जीविका दीदियों की बात कर रहे हैं। 15 साल तक उनका परिवार सत्ता में रहा, एक लाख लोगों को भी नौकरी नहीं दी। जनता अब जागरूक है और इनकी बातों में नहीं आने वाली। सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर चुनाव के वक्त सिर्फ सपने दिखाने का आरोप लगाया और इसे “जुमला” करार दिया।

तेजस्वी यादव के प्रमुख ऐलान

तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
    •    जीविका दीदियों के लोन का ब्याज माफ।
    •    जीविका समूह की दीदियों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
    •    प्रतिमाह 2 हजार रुपए भत्ता और सभी कैडरों के लिए 5 लाख तक का बीमा।
    •    माई बहन मान योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपए और सलाना 30,000 रुपए।
    •    बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत मकान, अन्न और आमदनी की व्यवस्था।
    •    संविदा कर्मियों को स्थायी करने की घोषणा।

ये घोषणाएं महिलाओं और युवाओं को साधने के लिए रणनीतिक कदम मानी जा रही हैं।

राजनीतिक माहौल और चुनावी प्रभाव

तेजस्वी यादव के इन ऐलानों के बाद बिहार में सियासी माहौल और गरम हो गया है। महागठबंधन इसे जनता के हित में कदम बता रहा है, जबकि एनडीए इसे चुनावी जुमला करार दे रही है। अब यह देखने वाली बात होगी कि ये घोषणाएं मतदाता के बीच कितना प्रभाव डालती हैं, और किस पक्ष को अगले मतदान में बढ़त मिलती है।