Bihar Politics: तेज प्रताप यादव का सख्त एक्शन, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता को किया बाहर
Bihar political news: बिहार की राजनीति में जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने बड़ा और कड़ा फैसला लेते हुए पार्टी के ही राष्ट्रीय प्रवक्ता संतोष कुमार रेणु को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई गंभीर आरोपों की पुष्टि के बाद की गई है, जिसे पार्टी नेतृत्व ने अनुशासन और नैतिकता से जोड़कर देखा है।
तेज प्रताप यादव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि यदुवंशी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त संतोष कुमार रेणु ने एक पुलिस अधिकारी से काम कराने के नाम पर झूठ बोलते हुए पैसे लिए। तेज प्रताप यादव ने इस कृत्य को “घिनौना और अक्षम्य अपराध” करार देते हुए साफ किया कि ऐसे लोगों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है।

जांच में आरोप साबित, अनुशासन समिति की सिफारिश
जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव मोतीलाल राय ने बताया कि पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने मामले की गहन जांच की थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि संतोष कुमार रेणु ने एक पुलिस अधिकारी से झूठे वादे कर पैसे लिए। समिति ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि और गंभीर अनुशासनहीनता माना।
अनुशासन समिति की सिफारिश के आधार पर संतोष कुमार रेणु को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता समेत सभी जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है।
बहाली के नाम पर 1.45 लाख रुपये लेने का आरोप
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि बी.एम.पी-18 में हवलदार के पद पर कार्यरत बिशेश्वर राय से बिहार पुलिस में बहाली कराने के नाम पर 1 लाख 45 हजार रुपये लिए गए। तेज प्रताप यादव ने कहा कि यह विश्वासघात किसी भी हालत में माफ नहीं किया जा सकता।

उन्होंने यह भी दावा किया कि संतोष कुमार रेणु के खिलाफ अन्य लोगों से भी इसी तरह झूठ बोलकर पैसे लेने की शिकायतें सामने आई हैं, जो जांच में सही पाई गईं।
यादव समाज के नाम पर भी ठगी का आरोप
पार्टी की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि संतोष कुमार रेणु यादव समाज से आते हैं और समाज के लोगों से भी काम दिलाने के नाम पर पैसे लेने की शिकायतें मिली हैं। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां समाज और संगठन—दोनों की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।
इन्हीं कारणों से संतोष कुमार रेणु को यदुवंशी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाने का निर्णय लिया गया।
पार्टी का स्पष्ट संदेश
इस पूरे घटनाक्रम के जरिए जनशक्ति जनता दल ने साफ संदेश दिया है कि संगठन में पद कितना भी बड़ा क्यों न हो, अनुशासन और ईमानदारी से समझौता नहीं किया जाएगा। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे मामलों पर बिना किसी दबाव के सख्त कार्रवाई की जाएगी।







