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25 सितंबर से बिहार की यात्रा पर निकलेंगे उपेंद्र कुशवाहा, जहानाबाद से होगी शुरुआत, जानिए पूरा डिटेल

 

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनैतिक दलों की गतिविधियां तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में शामिल पार्टियां अपना एजेंडा लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। इसी मकसद से राजद नेता तेजस्वी यादव आभार यात्रा पर हैं। इस बीच राष्ट्रीय लोक मोर्चा(रालोमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा एक नई राजनीतिक यात्रा पर निकलने वाले हैं। कुशवाहा ने रविवार को पार्टी के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में इसका ऐलान किया जिसमें यात्रा शुरू करने की तिथि और स्थान की घोषणा की। कुशवाहा ने अपनी यात्रा के मकसद का भी खुलासा कर दिया।

रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि 25 सितंबर से बिहार यात्रा पर निकलेंगे। रविवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उपेंद्र कुशवाहा ने इसकी घोषणा की। उनकी पहले चरण में 29 सितंबर तक बिहार के विभिन्न जिलों में यात्रा करेंगे। इसके आगे के कार्यक्रम की घोषणा 29 सितम्बर के बाद की जाएगी। उन्होंने बताया कि यात्रा की शुरूआत जहानाबाद के कुर्था से होगी। वहां शहीद जगदेव प्रसाद को नमन कर उपेंद्र कुशवाहा अपने समर्थकों और साती नेताओं के साथ यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद उनकी यात्रा औरंगाबाद, रोहतास,भोजपुर से होते हुए सारण तक जाएगी।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगले साल बिहार में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। यात्रा के दौरान उक्त चुनाव में एनडीए की जीत सुनिश्चित करने और एनडीए की सरकार बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार रहते बिहार का विकास नहीं हो सकता। बिहार की जनता यह बात बखूबी जानती है। प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रामपुकार सिन्हा सहित अन्य नेता मौजूद थे।

राजनीति के जानकार मानते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की मजबूत भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं। इसका संकेत वह पहले ही दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए सम्मानजनक सीट लेना चाहते हैं। इसी उद्येश्य से वह अपनी इस यात्रा के जरिए जोर आजमाइश करना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को एक मात्र सीट दी गई थी जिस पर वे खुद चुनाव लड़े। लेकिन काराकाट के मैदान में पवन सिंह की दमदार उपस्थिति के कारण उपेंद्र कुशवाहा चुनाव हार गए और सीपीआई(एमएल) के राजाराम सिंह की जीत हुई। बाद में एनडीए ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया।