नीतीश की राह पर चल सफल हुए BJP विधायक मंटू पटेल, मुखिया से मंत्री तक का सफर ऐसा रहा

नीतीश कैबिनेट का आज विस्तार हुआ। भाजपा के 7 विधायक ने मंत्रीपद की शपथ ली। इसमें एक नाम अमनौर से भाजपा विधायक कृष्ण कुमार मंटू पटेल का भी हैं। कृष्ण कुमार मंटू कुर्मी जाति से आते हैं। वह पहले जदयू में भी रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार की राह पर चलकर वह मंत्रीपद तक पहुंचे हैं। 1994 में पटना में हुई कुर्मी समता रैली से नीतीश कुमार बिहार में बड़े नेता के रूप में उभरे थे। बाद में मुख्यमंत्री के पद तक भी पहुंचे। वहीं भाजपा विधायक कृष्ण कुमार मंटू पटेल ने 19 फरवरी को 2025 को पटना में कुर्मी एकता रैली करवाई, जिसने उन्हें चर्चाओं के केंद्र में लाया। इस रैली को हुए अभी 7 दिन बीते हैं और मंटू पटेल मंत्रीपद तक पहुंच गए।
मुखिया से शुरू हुआ था राजनीतिक सफर
कृष्ण कुमार मंटू पटेल किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। 1999 में समता पार्टी से जुड़े। समता पार्टी और फिर जदयू में कई संगठनात्मक पदों पर रहे। सारण के बनौता पंचायत से वर्ष 2001 में मुखिया चुने गए। 2009 में पैक्स अध्यक्ष बने। 2010 में अमनौर से कृष्ण कुमार जेडीयू के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए। 2015 में वे दोबारा चुनाव लड़े लेकिन बीजेपी के शत्रुध्न तिवारी से हार का सामना करना पड़ा। कृष्ण कुमार मंटू को राजीव प्रताप रूडी का करीबी माना जाता है। बताया जाता है कि उनके कहने पर ही 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले मंटू जेडीयू छोड़कर बीजेपी में आ गए। रूडी से नजदीकी के चलते बीजेपी ने उन्हें अमनौर से टिकट दिया और वे दोबारा इस सीट से विधायक चुने गए।

NDA कार्यकर्ताओं में उत्साह
कृष्ण कुमार मंटू पटेल के विधयाक बनने से NDA कार्यकर्ताओं और नेताओं में काफी उत्साह का माहौल है। जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष जीतेन्द्र कुमार ने भी कृष्ण कुमार मंटू को मंत्री बनने पर बधाई दी है। उनका कहना है कि विधायक कृष्ण कुमार मंटू पटेल के मंत्री बनने से NDA कार्यकर्ताओं में एक अच्छा संदेश गया है। सभी को लग रहा कि छोटे किसान परिवार का व्यक्ति भी अपनी मेहनत की बदौलत अच्छे पदों तक पहुंच सकता है। सभी कार्यकर्ता पहले से ज्यादा ताकत से NDA को मजबूत करने में जुटेंगे।