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प्रशांत किशोर के आंदोलन पर बोली भाजपा- भाड़े के लड़के-लड़कियों के सहारे आंदोलन पर बैठे हैं पीके

 

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार में ध्वस्त हो रही शिक्षा व्यवस्था और BPSC परीक्षा में हुई अनियमितता के खिलाफ BPSC अभ्यर्थियों के साथ गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समीप अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनके साथ BPSC अभ्यर्थी और जन सुराज के कई लोग भी धरना स्थल पर बैठे हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि जब तक बच्चों को न्याय नहीं मिलता तब तक वह अनशन पर बैठे रहेंगे। 

 हालांकि पटना जिला प्रशासन ने धरने को अवैध करार देते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है. बीपीएससी परीक्षा रद्द करने को लेकर आयोजित भूख -हड़ताल में बड़ी संख्या में बाहरी लोग भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि भीड़ इकट्ठा करने को लेकर बाहरी लोगों को बुलाया गया. अब इसके बाद सत्ताधारी दल के नेता प्रशांत किशोर पर टूट पड़े हैं. निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी पीके पर बड़ा प्रहार किया है.

भाजपा ने प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला बोला है. भारतीय जनता पार्टी OBC मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने पीके पर बड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि पेशे से प्रशांत किशोर एक इवेंट मैनेजर और मीडिया मैनेजर ही हैं, अब वे नेता बनने चले हैं. जब पीके बीपीएससी छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठने गये तो वे भाड़े के लड़के-लड़कियों की फौज के साथ वहां मौजूद हुए. लेकिन राज तो खुलना ही था। पीके ने मौके पर जिन लोगों को इकट्ठा किया था, वे दरअसल बीपीएससी के परीक्षार्थी ही नहीं थे। उनका एक ही मकसद है, राजनीति में चमकने के लिए बिहार की जनता को बेवकूफ बनाना है. 

बता दें कि प्रशांत किशोर की कई मांग है. 1.    70वीं बीपीएससी परीक्षा ने हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और पुनर्परीक्षा कराई जानी चाहिए

2.    2015 में 7 निश्चय के तहत किए वादे के अनुसार 18 से 35 साल के बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए

3.    पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितता और पेपर लीक की जांच एवं दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेत पत्र जारी किया जाय

4.    लोकतंत्रकी जननी बिहार को लाठीतंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए

5.    बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए