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K.K Pathak के फैसले पर भड़की CPI(ML), कहा- गेस्ट शिक्षकों की ‘सप्लाई’ का ठेका दिया जा रहा

 

बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की काफी कमी है. इस कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग ने गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला लिया है. जिसमें आउससोर्सिंग के माध्यम से तय की गई एजेंसियों से गेस्ट टीचर्स की सेवा लेने को कहा गया है. ये आदेश तत्कालीन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दिया था. जिसको लेकर महागठबंधन सरकार में शामिल भाकपा माले के विधायक संदीप सौरव ने सवाल उठाया है. 

भाकपा माले के विधायक संदीप सौरव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि ये कोई ईंट बालू सप्लाई करने वाली एजेंसी नहीं है, बल्कि इसे बिहार के सभी कॉलेजों को असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की सप्लाई करने को कह दिया गया है. पूर्व ACS केके पाठक के आदेश से इस तरह की चार एजेंसियाँ अब बिहार के महाविद्यालयों में प्राध्यापक की सप्लाई करेंगे. ये मज़ाक़ की हद है. कहने की ज़रूरत नहीं है कि इस तरह की बहलियों में न तो कोई पारदर्शिता है और न ही आरक्षण का रोस्टर.इसी तरह प्रत्येक ज़िले में बिना किसी टेंडरिंग के एक-एक आउटसोर्सिंग एजेंसी को सरकारी स्कूलों में गेस्ट शिक्षक व अन्य पदों की ‘सप्लाई’ का ठेका दे दिया गया है. सरकार इसे संज्ञान में ले. इसमें भारी भ्रष्टाचार, अनियमितता और क़ानूनों का उल्लंघन है. तत्काल इस तरह के सभी आदेशों को रद्द किया जाए.

बता दें कि पहले भी केके पाठक के कई फैसलों पर भाकपा माले के विधायक संदीप सौरव सवाल उठाते रहे हैं. अब उन्होंने गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गए फैसले पर आपत्ति जताई है.