गया पहुंचे मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति, पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान
गयाजी में सोमवार को मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति राजकेश्वर पुरयाग ने अपनी पत्नी के साथ अपने पूर्वजों के मोक्ष के निमित पिंडदान किया। पूर्व राष्ट्रपति ने देवघाट पर मोक्षदायिनी फल्गु नदी के पवित्र जल से तर्पण और पिंडदान कर्मकांड पूरा किया। इसके अलावा उन्होंने विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना भी की।
आध्यात्मिक प्रक्रिया पूजा पाठ को गयापाल गाजो पंडा ने कराया। गाजो पंडा ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ने अपने पितरों की मुक्ति और मोक्ष की कामना से यह विधि पूरी की। उन्होंने शास्त्रों का हवाला देते हुए फल्गु नदी के महत्व को भी रेखांकित करते हुए इसे मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण स्थल बताया।
राजकेश्वर पुरयाग साल 2012 से 2015 तक मॉरीशस के राष्ट्रपति रहे हैं। नेशनल असेंबली द्वारा निर्वाचित यह नेता अपने देश में भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उनके गयाजी आगमन पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पुलिस और प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को चौकसी के दायरे में रखा।
सोमवार की सुबह वे बोधगया पहुंचे। एक निजी होटल में विश्राम किया। इसके बाद विष्णुपद मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे। मंदिर में उन्होंने भगवान विष्णु के चरणों में विशेष भक्ति अर्पित की। गयाजी में यह पिंडदान कार्यक्रम उनके भारतीय जड़ों और परंपराओं के प्रति लगाव को दर्शाता है।
पूर्व राष्ट्र्पति को देखने के लिए मन्दिर में पहुंचे श्रद्धालु के बीच होड़ मच गई। पूर्व राष्ट्रपति टिकारी प्रखंड के सिकरिया गांव रहने वाले हैं। उनके पूर्वज आजादी के बाद से ही ही मॉरीशस चले गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति का यह कदम उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करने की गहरी भावना का प्रतीक है। फल्गु नदी और विष्णुपद मंदिर के महत्व को लेकर श्रद्धालुओं में गहराई से जुड़ी आस्था है, जो गयाजी को मोक्ष की भूमि बनाती है।