री-काउंटिंग के आदेश से भड़के पूर्व MLC सुनील सिंह, कहा- यह फैसला डीके के दबाव में लिया गया, राजनीतिक प्रतिशोध है

बीते दिनों भारी हंगामे के बीच बिस्कोमान निदेशक मंडल का चुनाव संपन्न हुआ था. दो गुटों में मारपीट देखने को मिली थी. शाम तक सुनील सिंह के खेमे में जश्न का माहौल भी दिखा था, लेकिन इस चुनाव में मतों की गिनती पर विवाद शुरू हो गया. मामला केन्द्रीय सहकारिता प्राधिकार के पहुंचा. इसके बाद प्राधिकार ने फिर से मतगणना का आदेश दे दिया. इसके बाद जीते हुए उम्मीदवारों में तो खलबली मच गई, वहीं हारने वालों के चेहरे पर मुस्कान और उम्मीद छलक उठी. अब एक फरवरी को फिर से वोटों की गिनती की जाएगी.
बिस्कोमान निदेशक मंडल एवं पदाधिकारी चुनाव के पांच दिन बाद री-काउंटिंग के आदेश पर पूर्व MLC और पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह भड़क गए हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें हराने के लिए चुनाव को पांच बार स्थगित कराया गया।
श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में संपन्न बिस्कोमान चुनाव में सुनील सिंह की पत्नी वंदना सिंह और एनसीसीएफ अध्यक्ष विशाल सिंह के बीच सीधा मुकाबला हुआ। चुनाव के बाद अब री-काउंटिंग के आदेश दिए गए हैं, जिससे सुनील सिंह नाराज हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला डीके के दबाव में लिया गया और इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।

सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार में सरकार डीके के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें "पलटू राम" कहने की वजह से यह कार्रवाई की जा रही है।